
कोलकाता के सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या के विरोध में देश के कई हिस्सों में कई दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इस घटना के बाद राज्य की ममता सरकार विपक्ष के साथ-साथ अपनों के निशाने पर भी है. आज भी इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं इस रेप और हत्याकांड के बाद आरजी कर अस्पताल में हुए तोड़फोड़ के मामले में भी लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं. अभी तक कुल 37 उपद्रवियों को अरेस्ट किया जा चुका है.
कलकत्ता उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय और असली दोषियों को सजा की मांग करते हुए सोमवार को जुलूस निकाला.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चार छात्र कोलकाता सीबीआई दफ्तर पहुंचे हैं. जांच एजेंसी उनसे ट्रेनी डॉक्टर रेप केस के सिलसिले में पूछताछ करेगी.
– सीबीआई की दो सदस्यीय टीम आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता के घर पहुंची है. जांच एजेंसी पीड़िता के माता-पिता और परिवार के सदस्यों से केस के संबंध में जानकारी हालिस करेगी.
– कोलकाता रेप-मर्डर केस में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष लगातार चौथे दिन सीबीआई दफ्तर पहुंचे हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी उनसे मामले में पूछताछ कर रही है.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है. जैसे ही उन्हें समय मिलता है तो वह दिल्ली जाएंगे.
-दिल्ली एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने कहा है कि डॉक्टर निर्माण भवन (केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यालय) के सामने सड़क पर ओपीडी सेवाएं प्रदान करके आज से अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे.
-दिल्ली एम्स समेत राष्ट्रीय राजधानी के अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या और कोलकाता के आरजी कर अस्पताल पर उपद्रवियों की भीड़ द्वारा किए गए हमले के खिलाफ आज से एक अनोखे ‘ओपीडी’ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. एम्स आरडीए ने अपने बयान में कहा है, ‘एक्शन कमेटी फॉर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट और आरडीए एम्स की जनरल बॉडी के साथ चर्चा की गई, जिसमें सर्वसम्मति से हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया है. इसमें शैक्षणिक गतिविधियों, वैकल्पिक ओपीडी, वार्ड और ओटी सेवाओं, आईसीयू, आपातकालीन प्रक्रियाओं और इमरजेंसी ओटी को रोकना शामिल है. क्योंकि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया.’ हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टर निर्माण भवन के बाहर मरीजों को वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं प्रदान करने के लिए उपलब्ध होंगे, साथ ही कहा गया है कि अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी.