
भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और अपनी रिपोर्ट सौंपी. यह रिपोर्ट कुल 18,626 पेजों की है. 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के एक्सपर्ट के साथ चर्चा और 191 दिनों की रिसर्च के बाद यह रिपोर्ट सौंपी गई है.
गौरतलब है कि एक देश एक चुनाव पर पिछले महीने ही भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राय कोविंद समिति
को बता दी थी. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति से मुलाकात भी की थी. बता दें कि बीजेपी अपने पिछले दो घोषणापत्रों में एक देश एक चुनाव की वकालत कर चुकी है. हालांकि, इसे किस तरह से लागू किया जाना चाहिए इस पर पार्टी द्वारा सुझाव मांगे गए हैं.
क्या ऐसे में बीजेपी मौजूदा विधानसभाओं को भंग कर साथ में चुनाव कराने के पक्ष में होगी? इसे लेकर क्या संविधान में संशोधन का सुझाव दिया जाएगा. वहीं यदि किसी एक दल या गठबंधन को बहुमत न मिले तो ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए? इन सभी मुद्दों पर इस कमेटी ने पूरी तरह से गौर किया है. और अलग-अलग राजनीतिक दलों से उनकी राय भी ली है.
फरवरी में ही आम आदमी पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति से मुलाकात की थी. और एक साथ चुनाव कराये जाने के विचार का विरोध किया था. सरकार ने पिछले साल सितंबर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की जल्द से जल्द पड़ताल करने और सिफारिशें करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी.