संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया था, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है. इसे लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले की आलोचना की है. राहुल ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखी पोस्ट में राहुल गांधी ने इसे प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाला फैसला बताते हुए कहा कि इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा. इससे पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने भी इसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की मनमानी बताया और ‘‘साजिश और संविधान का उल्लंघन’’ करार दिया.

राहुल गांधी ने लिखा, ‘नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं. केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है. मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है.यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है.