
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. जांच एजेंसी को गुरुवार तक यह जानकारी देनी होगी. यह बताए कि उसने अब तक क्या कदम उठाए और जांच कहां तक पहुंचे. कोर्ट ने डॉक्टर्स से हड़ताल से वापस लेने का भी आह्वान किया है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि प्रिंसिपल ने इसे सुसाइड बताने की कोशिश की है. पीड़ित परिवार को बॉडी तक नहीं देखने दी गई. देर शाम तक एफआईआर नहीं हुई. कोर्ट ने कहा कि हमें डॉक्टर्स की सुरक्षा की चिंता है. कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता की पहचान उजागर कैसे हुई? जब 7 हजार लोग अस्पताल में घुसे तब पुलिस वहां क्या कर रही थी. वहां बहुत गंभीर वारदात हुई है. हम सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं. हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं. कोर्ट की निगरानी में टास्ट फोर्स बनेगा.
कोर्ट ने चिंता जताई कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर की गई है. उसके शव को दिखाया है. सीजेआई ने कहा, हर जगह हमने देखा कि पीड़िता की पहचान दिखाई है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि प्रिंसिपल ने हत्या को शुरुआत में आत्महत्या क्यों बताया?
सुप्रीम कोर्ट के स्वत: संज्ञान का ऐलान करने से पहले तीन याचिकाकर्ताओं ने सीजेआई को चिट्ठी लिखी थी और बताया था कि ये मामला संवेदनशील है और डॉक्टर्स की सुरक्षा से जुड़ा है. उसके बाद कोर्ट ने तय किया कि वो खुद मामले को संज्ञान लेगा और मंगलवार को सुनवाई करेगा. कोर्ट के विवेक पर निर्भर रहेगा कि वो किस-किस को पक्ष रखने का मौका देगा. अभी इस मामले में कोई पक्षकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा उपायों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर सकता है और जानकारी ले सकता है. इस समय कोर्ट ये बता रहा है कि मामला बेहद संवदेनशील है और पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा दिया जा रहा है.