मोदी सरकार ने बुधवार को ‘इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट’ का ऐलान किया है. केंद्र सरकार ने बताया की इस प्रोजेक्ट के जरिए 10 राज्यों के 12 शहरों को इंडस्ट्रियल मापदंडों के हिसाब से स्मार्ट बनाया जाएगा. जिसके लिए तमाम तरह की सुविधाएं भी दी जाएंगी. इस योजना से भारी निवेश आने की भी उम्मीद जताई गई है. भारत के मानचित्र के हिसाब से देखेंगे तो ये योजना करीब-करीब भारत के हर कोने को छूती दिख रही है. इसलिए सरकार इसे विकास का नया स्वर्णिम हार बता रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये योजना क्या है. इसमें क्या सुविधाएं मिलेंगी. इसे कैसे विकसित किया जाना है. कौन से राज्य इसमें शामिल है.

केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि ये औद्योगिक स्मार्ट सिटी नेशनल इंडस्ट्री डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रोग्राम (NIDCP) के तहत बनाए जा रहे हैं. इस योजना के जरिए 10 राज्यों को कवर किया जाएगा. इन्हें 6 प्रमुख कॉरिडोर के साथ रणनीतिक रूप से प्लान किया गया है.केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार इन परियोजनाओं पर 28,602 करोड़ रुपये खर्च करेगी. 

इतनी लागत, इतने निवेश की उम्मीद

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बताया कि इस परियोजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है. यानी कुल 40 लाख लोगों को इससे रोजगार की उम्मीद जताई जा रही है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 28,602 करोड़ होगी. इसमें 1.52 लाख करोड़ की निवेश क्षमता होगी. 

ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, यूपी के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोपार्थी के साथ ही राजस्थान के जोधपुर-पाली में डवलप किए जाएंगे.

क्या बताए जा रहे इसके फायदे

केंद्र सरकार ने कहा कि इस योजना से भारत में जल्द ही स्वर्णिम चतुर्भुज की रीढ़ पर औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य माला तैयार होगी. कहा जा रहा है कि 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की मंजूरी से भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावर बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी. रोजगार बढ़ेगा और निवेश भी आएगा. तर्क है कि ये देश के हर कोने को कवर कर रहा है. इसलिए इससे पूरे देश का विकास होगा. कहा जा रहा है कि इससे 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात किया जा सकेगा.

रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी में ही कर्मचारियों को परिवार सहित रहने की सुविधा मिलेगी. इन इलाकों को रेलवे- एयर और अन्य परिवहन सुविधाओं से सुगम बनाया जाएगा. यहां 24 घंटे बिजली-पानी की भी सुविधा रहेगी.इनवेस्टर्स को डिस्काउंट मिलेगा और सिंगल विंडो क्लीयरेंस मिलेगा. गैस पाइपलाइन जैसी अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. यहां इंडस्ट्री इकोसिस्टम बनाया जाएगा. कहा जा रहा है कि ये योजना 2027 तक पूरी होने की संभावना है.

जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में करीब 1.14 लाख लोगों को रोजगार की उम्मीद है, जबकि तेलंगाना में 1.74 लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है. निवेश की बात करें तो सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 38 हजार करोड़ और बिहार में 16 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद है. 

8 सिटी में पहले से ही जारी है काम

जानकारी के अनुसार, इस तरह के 8 इंडस्ट्रियल शहरों पर पहले से ही काम जारी है. 4 शहरों- धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में इंडस्ट्रीज के लिए जमीन के अलॉटमेंट का काम चल रहा है. बाकी 4 शहरों में भी सरकार इंफ्रास्ट्रक्टर के निर्माण की प्रक्रिया में है. यानी देश के कुल 20 शहरों में इस तरह की योजना पर काम हो रहा है.

रेलवे के तीन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी
-जमशेदपुर पुरूलिया आसनसोल (थर्ड लाइन- 121 km)
-सुंदरगढ जिले के सरडेगा से रायगढ जिले के भालूमुडा तक के लिए 37 किमी लंबी नई डबल लाइन को मंजूरी

  • बरगढ रोड से नवापारा (ओडिशा) तक के लिए 138 किमी लंबी नई लाइन को मंजूरी.

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्टर फंड विस्तार का ऐलान 

मंत्रिमंडल ने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्टर फंड के विस्तार की भी घोषणा की, जिसे सबसे पहले साल 2020 में 1 लाख करोड़ रुपये के बजट के साथ लॉन्च किया गया था. यह फंड फसल कटाई के बाद के कृषि अवसंरचना जैसे पैक हाउस, कोल्ड स्टोरेज, रेफ्रिजरेटेड वाहन और प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए निर्धारित है. 

अब एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड का विस्तार किया गया है, इसके तहत अब इंटीग्रेटेड सेकेंडरी प्रोसेसिंग और पीएम-कुसुम योजना के घटक A को शामिल किया जाएगा. अब इन परियोजनाओं के लिए ऋण गारंटी प्रदान किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों का मूल्य संवर्धन करने और कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने में सहायता करना है.

गांव और शहर के लिए भी योजना लाई थी मोदी सरकार

बता दें कि मोदी सरकार गांव और शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी योजना ला चुकी है. गांवों के विकास के लिए मोदी सरकार आदर्श ग्राम योजना लाई थी, जबकि शहरों के लिए मोदी सरकार स्मार्ट सिटी योजना लेकर आई थी.