
दक्षिण पश्चिम जापान में बुधवार को एक स्थानीय एयरपोर्ट को अचानक से बंद करना पड़ा और बंद करने की वजह भी अलग थी. दरअसल रनवे के पास एक धमाका हुआ जिससे वहां अफरातफरी मच गई. बाद में पता चला कि यह एक भारी बम था जिसे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने इस्तेमाल किया था.
इस धमाके के बाद एयरपोर्ट बंद करना पड़ा और 80 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. जापानी परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, मियाज़ाकी हवाई अड्डे ने अपने रनवे को बंद कर दिया, क्योंकि विस्फोट के कारण रनवे के बगल में टैक्सीवे के बीच सात मीटर (23 फीट) चौड़ा और एक मीटर (3.2 फीट) गहरा गड्ढा हो गया था.
अधिकारी ने बताया कि जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की एक बम निरोधक टीम को बाद में पता चला कि विस्फोट का कारण एक अमेरिकी बम था, जिसे जमीन की सतह के नीचे दबा हुआ था. यह शायद तब का था जब अमेरिका ने यहां हवाई हमले किए थे.
स्थानीय प्रसारक एमआरटी के अनुसार, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन लाइव कैम फुटेज में दिख रहा है कि विस्फोट से ठीक दो मिनट पहले एक हवाई जहाज पास में उतरा था. जापान के शीर्ष सरकारी प्रवक्ता योशिमासा हयाशी ने कहा कि रनवे बंद होने से 87 उड़ानें रोक दी गई हैं, लेकिन आगे किसी विस्फोट का खतरा नहीं है. गड्ढे को भरने के लिए मरम्मत कार्य गुरुवार सुबह तक पूरा कर लिया जाएगा.
क्यूशू द्वीप के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित, मियाज़ाकी हवाई अड्डा पहले द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक एक जापानी नौसेना का अड्डा था. यहां से सैकड़ों युवा “कामिकेज़” पायलट अपने अंतिम मिशन पर रवाना हुए थे. परिवहन मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि मियाज़ाकी हवाई अड्डे पर पहले भी कई बिना फटे बम पाए गए हैं.
अमेरिका और जापान के बीच युद्ध के 79 साल हो गए हैं लेकिन इतने साल बीत जाने के बावजूद आज भी जापान में कई जगहों पर बम पाए जाते हैं. जापानी सुरक्षाबलों के मुताबिक साल 2023 के दौरान ही 37.5 टन वजन वाले कुल 2,348 बमों को डिफ्यूज किया गया था.