आज 6 दिसंबर है. भारतीय इतिहास में वो तारीख जब 1992 में बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया था. हर साल की तरह इस साल भी उत्तर प्रदेश पुलिस अलर्ट पर है. अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, आगरा, संभल, कानपुर और लखनऊ समेत राज्य के 26 जिलों में पुलिस टीम को अलर्ट पर रखा गया है. आज जुमे का दिन भी है और बाबरी विध्वंस की 32वीं बरसी भी. यही वजह है कि यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.

दो दिन पहले राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संभल हिंसा को लेकर जरूरी समीक्षा के निर्देश दिए थे. सीएम ने सख्ती से कहा था कि चाहे कोई भी दिन हो, कैसे भी हालात हों किसी तरह का बवाल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने राज्य पुलिस को निर्देश दिया था कि वे बबालियों से सख्ती से निपटें.

संभल जिला एसपी कृष्णा कुमार बिश्नोई ने 6 दिसंबर को लेकर जिले में अलर्ट जारी किया था. 6 दिसंबर की तैयारियों के बारे में एसपी ने कहा, “संभल जिला पूरी तरह से तैयार है. आरएएफ की एक कंपनी, पीएसी की 9 कंपनियां और अतिरिक्त आरआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि दिन शांतिपूर्ण तरीके से गुजरे, पुलिस हर कोने पर तैनात रहेगी.”

इनके अलावा आज जुमा भी है और हिंसक घटनाओं के बाद से प्रत्येक जुमे के दिन इस जिले को अलर्ट पर रखा जाता है. इनके अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी सिक्योरिटी टाइट रखी जाती ैहै, ताकि किसी तरह का कोई विरोध-प्रदर्शन न हो सके.

उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. यहां शाही ईदगाह को लेकर विवाद है, जहां हिंदू संगठनों ने जलाभिषेक की अपील की है. इसके लिए यहां आसपास कहा जा रहा है कि एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. बाबरी मस्जिद का विध्वंस दिवस भी है और इसके लिए भी सुरक्षा टाइट की गई है. पुलिस अधिकारी पैदल गश्त कर रहे हैं और एसटीएफ से लेकर एलआईयू तक अलर्ट मोड में हैं.