देशभर के 200 से ज्यादा टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले तीन जालसाजों को STF की वाराणसी और लखनऊ यूनिट ने गिरफ्तार किया है. मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर इन्हें पकड़ा गया. आरोपियों ने NHAI को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है.

बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी आलोक कुमार सिंह ने एमसीए किया हुआ है और उसे सॉफ्टवेयर बनाने की पूरी जानकारी है. उसने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया, जिसे टोल प्लाजा के कंप्यूटर सिस्टम में इंस्टॉल कर दिया जाता था. यह सॉफ्टवेयर फास्ट टैग रहित वाहनों से वसूले गए दोगुने टोल शुल्क को NHAI के सिस्टम से अलग कर देता था.

STF के मुताबिक, आरोपियों ने इस सॉफ्टवेयर को 42 टोल प्लाजा पर इंस्टॉल किया था. आलोक कुमार सिंह ने बताया कि उसने यह गबन टोल प्लाजा मालिकों और प्रबंधकों की मिलीभगत से किया. ठगी से हासिल रकम को टोल कर्मियों और अपने साथियों के बीच बांटा जाता था.

गिरफ्तार आरोपियों में आलोक कुमार सिंह (वाराणसी), मनीष मिश्रा (मध्य प्रदेश), और राजीव कुमार मिश्र (प्रयागराज) शामिल हैं. STF ने इनके पास से दो लैपटॉप, एक प्रिंटर, पांच मोबाइल फोन और एक कार बरामद की है.

आरोपियों पर मिर्जापुर के लालगंज थाने में केस दर्ज किया गया है और जांच जारी है. गिरफ्तार आलोक कुमार सिंह ने बताया कि वह एमसीए किया है, उसे साफ्टवेयर बनाने की अच्छी जानकारी है. इसके पूर्व में टोल प्लाजा पर काम भी कर चुका है. इसके अलावा रिद्धि-सिद्धि कंपनी के साथ पूर्व में सावंत और सुखांत के साथ काम किया है. 

आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा-316(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340 (2) बीएनएस का अभियोग पंजीकृत कराया गया है.