
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण की शुरुआत में संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने का जिक्र करते हुए संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को नमन किया. उन्होंने मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज महाकुंभ में हुई घटना पर भी दुख व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. राष्ट्रपति ने कहा कि सभी को आवास उपलब्ध कराने के साथ ही शिक्षा और रोजगार पर जोर है. अब तक 2 करोड़ 25 लाख स्वामित्व कार्ड वितरित किए गए हैं.
राष्ट्रपति ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर मुफ्त राशन तक का जिक्र किया और कहा कि गरीबों को सम्मान के साथ जीने का अवसर मिला. मध्यम वर्ग के सपनों को भी उड़ान मिली है. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है. सरकार का मंत्र है- सबका साथ, सबका विकास. विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है. सरकार का लक्ष्य विकसित भारत बनाना है. देश में 25 करोड़ आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है. 75 साल से अधिक उम्र के लोगों, जिन्हें केवल पेंशन मिलती है, आयकर दाखिल करने के संबंध में उनको खुद निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है. आठवें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया है. घर के लोन पर सब्सिडी दी जा रही है. महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास जारी है. हमारी सरकार वीमेन लेड डेवलपमेंट पर विश्वास करती है. बड़ी संख्या में भारत की बेटियां लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, कॉर्पोरेट का नेतृत्व भी कर रही हैं, ओलंपिक में मेडल लाकर देश को भी गौरवान्वित कर रही हैं. पिछले एक दशक में देश के हर प्रयास का दायित्व युवाओं को आगे बढ़कर उठाना पड़ा है. लाखों युवा राष्ट्रनिर्माण के कार्य से जुड़ रहे हैं. राष्ट्रपति ने स्टार्टअप इंडिया से डिजिटल इंडिया तक, योजनाओं का जिक्र कर रोजगार के अवसर भी गिनाए और कहा कि एक करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की व्यवस्था से युवाओं को काम करने का अनुभव प्राप्त होगा.
संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है. देश तेज गति से आगे बढ़ रहा है. किसान, गरीब सरकार की प्राथमिकता रही है. एक देश एक चुनाव पर सरकार काम कर रही है.”
संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार करते हुए तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया गया है. जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान प्रारंभ हुआ है. भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज मेरी सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है.”