इंडिया गोट लेटेंट मामले में ⁠रणबीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने रणवीर को शो करने की इजाजत दे दी है. रणवीर की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. ⁠इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उस आदेश में संशोधन करने की मांग की गई. जिसमें कहा गया था कि अगले आदेशों तक याचिकाकर्ता व उसके साथी कोई शो नहीं करेंगे. इलाहाबादिया की ओर से कहा गया कि उनके 280 कर्मचारी हैं. ⁠ये उनके जीवन यापन का सवाल है, ⁠वो हस्तियों के इंटरव्यू भी करते हैं.

SC ने कहा कि एक व्यक्ति है जो अब 75 साल का है और एक हास्य शो करता है. आपको देखना चाहिए कि यह कैसे किया जाता है. ⁠पूरा परिवार इसे देख सकता है. यही प्रतिभा है. ⁠गंदी भाषा का इस्तेमाल करना प्रतिभा नहीं है. इसमें रचनात्मकता और प्रतिभा का तत्व है. SC ने कहा कि हां, ऐसे बहुत से हास्य कलाकार हैं जो अच्छे व्यवहार का इस्तेमाल करते हैं और सरकार की कड़ी आलोचना करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोलने का फंडामेंटल राइट होने का मतलब ये नहीं कि कोई कुछ भी बोल सकता है. इस शो को सब लोग देखते हैं. बच्चे देखते हैं, बेटा बेटी, मां बाप सब देखते हैं.

कोर्ट ने कहा कि अलग अलग समाज का नैतिक मानक अलग-अलग हो सकते हैं. हमने खुद को अधिकारों की गारंटी दी है. लेकिन वे शर्तों के अधीन हैं. सोशल मीडिया की सामग्री पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है. नैतिकता और आजादी के बीच संतुलन बनाने वाले नियमों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे मसौदा नियमों पर विचार करने को कहा.  केंद्र से ऑनलाइन सामग्री के लिए नियमों पर मीडिया सहित हितधारकों की राय आमंत्रित करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि ह्यूमर एक ऐसी चीज है जिसका आनंद पूरा परिवार ले सकता है. टैलेंट अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करती.