गुजरात के बोटाद से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, “मैंने 20 साल तक बीजेपी में अलग-अलग पदों पर काम किया. जिस वक्त गुजरात में AAP को कोई पहचानता भी नहीं था, उस वक्त मैंने सत्तारूढ़ बीजेपी को छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी. यहां मुझे लगता है कि हम डॉ. बीआर अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं. यही वजह है कि मैंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.” 

उमेश मकवाना ने आगे कहा कि मैं पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखूंगा. मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा. मैं कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा.

विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी की जीत के 72 घंटे के अंदर उमेश मकवाना ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी मूल विचारधारा से दूर हो रही है. पिछड़े और दलित समाज को नज़र अंदाज करके बीजेपी की तरह ही आगे बढ़ रही है. बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह की विचारधारा से पार्टी दूर होने की वजह से पार्टी के पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. हालांकि, कार्यकर्ता के तौर पर काम करता रहूंगा और विधायक भी बना रहूंगा. 

गोपाल इटलीया की जीत के बाद माना जा रहा है कि विधानसभा में गोपाल पार्टी के बड़े चेहरे के तौर पर काम करेंगे, जिससे सचेतक रहे उमेश मकवाना को दिक्कत होनी स्वाभाविक है. ऐसे में पार्टी पर दबाव बनाने के लिए मकवाना ने प्रेस कांफ्रेंस करके सारे पदों को छोड़ने की बात की लेकिन उन्होंने विधायक पद नहीं छोड़ा.