
बरेली। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया और 24 छात्रों को पीएचडी की उपाधियां और स्वर्ण पदक प्रदान किए।
सुबह 9:50 बजे राष्ट्रपति का विमान त्रिशूल एयरबेस पर पहुंचा। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति के आईवीआरआई आगमन पर उनका पारंपरिक एवं भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति और राज्यपाल के आगमन को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।
दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने 24 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और पीएचडी की उपाधियां प्रदान कीं। इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा की आईवीआरआई ने देश की पशु चिकित्सा व्यवस्था को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया है। आईवीआरआई का अनुसंधान अतुलनीय एवं महत्वपूर्ण रहा है।उन्होंने कहा कि देश की पशु चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत बनाने में IVRI की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने वैज्ञानिकों को गिद्ध संरक्षण, लंपी वायरस वैक्सीन और टिकाऊ पशुपालन के क्षेत्र में योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, “मैं जिस परिवेश से आती हूं, वह प्रकृति के अत्यंत निकट है। हमारे लिए पशु केवल साधन नहीं हैं, वे जीवन का हिस्सा हैं। मुझे ‘पशु’ शब्द कभी-कभी असहज करता है, क्योंकि वे हमारे जीवन धन हैं। बचपन में जब कोई संसाधन नहीं थे, तब यही पशु हमारे सहायक थे।”
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में पशुओं के लिए टीकाकरण की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संक्रमण और रोगों की रोकथाम के लिए समय पर टीकाकरण सबसे बड़ा हथियार है और इसमें IVRI जैसे संस्थानों की भूमिका सराहनीय है। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि “पशु आरोग्य मेलों” का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को जागरूकता के साथ चिकित्सा सुविधा भी मिल सके।