
देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है. इस अवसर पर वीरता पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश से इस बार दो आईपीएस अफसरों को गैलेंट्री अवॉर्ड देने के एलान किया गया है. इनमें यूपी के डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और आईजी मंज़िल सैनी का नाम शामिल हैं. इन दोनों अफसरों को इस बार गणतंत्र दिवस पर महामहिम राष्ट्रपति के हाथों वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. गृह मंत्रालय की ओर से इसका एलान कर दिया गया है.
यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार साल 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वो काफ़ी तेज़ तर्रार माने जाते हैं जिसके चलते वो सीएम योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और चहेते अफ़सरों में आते हैं. आईपीएस प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीज़न ज़िले में हुआ था. उनका चयन तमिलनाडु कैडर में हुआ था, लेकिन निजी कारणों की वह से साल 1994 में उनका ट्रांसफ़र यूपी कैडर में हो गया. योगी सरकार ने उन्हें प्रदेश में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी दी और उन्होंने उसे बख़ूबी निभाया है. यूपी में क्राइम कंट्रोल का श्रेय उन्हीं को जाता है.
लखनऊ की SSP और रामपुर की SP
आईपीएस मंजिल सैनी को लेडी सिंघम के तौर पर जाना जाता है. मंजिल सैनी साल 2005 बैच की आईपीएस अफ़सर हैं. वो लखनऊ की एसएसपी और रामपुर की एसपी रही हैं, जहां उन्होंने शानदार काम किया. लखनऊ के एसएसपी का पद सँभालने वाली वो पहली महिला अफ़सर रही है. इसके अलावा उन्होंने इटावा में भी काम किया है. अमित कुमार किडनी रैकेट मामले की जाँच में उनकी अहम भूमिका रही है.
गैलेंट्री अवॉर्ड शौर्य और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है. जिनका एलान साल में दो बार किया जाता है. पहला 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर और दूसरा 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर के अवसर पर ये पुरस्कार दिए जाते हैं. रक्षा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पहले जवानों और अधिकारियों के नामों का चयन किया जाता है और उन्हें गृह मंत्रालय को भेजा जाता है, जिसके बाद चयनित लिस्ट राष्ट्रपति के पास भेजी जाती है, और उनकी अनुमति के बाद इसका एलान कर दिया जाता है.