उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में UP STF के बाद अब ED ने भी जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, पेपर लीक करने वाले गिरोह की मनी ट्रेल को देखते हुए ED ने मामले का संज्ञान लिया है. पेपर लीक (UP Police Paper Leak) कराने वाले मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा की टीम के द्वारा गुड़गांव और रीवा के रिसॉर्ट में करीब 800 अभ्यर्थियों को पेपर लीक कराकर आंसर रटाने में हुए पैसे के लेनदेन में मनी लॉन्ड्रिंग का शक है. 

बता दें कि बीते 18 और 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश में 60,244 पदों पर सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी. यूपी STF के मुताबिक, अहमदाबाद में स्थित लॉजिस्टिक्स कंपनी के वेयरहाउस से पेपर के बॉक्स को खोलकर आंसर पेपर बेचा गया था. पकड़े गए पेपर लीक करने वाले सिंडिकेट ने ही उत्तर प्रदेश की समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी का भी पेपर लीक कराया था. 

बड़े पैमाने पर करोड़ों की लेनदेन को देखते हुए अब पेपर लीक मामले में ईडी की एंट्री हुई है. ईडी जल्द ही जेल में बंद पेपर लीक के आरोपियों से पूछताछ करेगी. पेपर लीक केस में अबतक सैकड़ों लोगों पर कार्रवाई की हुई है. 

मालूम हो कि यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी 2024 को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक की खबर की पुष्टि होने पर इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया. भर्ती परीक्षा में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनमें 16 लाख महिलाएं थीं. लेकिन इन सभी के अरमानों पर पानी फिर गया, क्योंकि पेपर लीक होने पर परीक्षा रद्द कर दी गई थी. 

इसके बाद जांच के लिए एसटीएफ को लगाया गया, जिसने जगह-जगह छापेमारी की. STF की छानबीन में यह बात सामने आई कि अहमदाबाद की जिस ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया एक्सप्रेस कंपनी को सिपाही भर्ती का पेपर प्रिंट होने के बाद वेयरहाउस से ट्रांसपोर्ट करने का जिम्मा दिया गया था, उसके कर्मचारियों को आरोपियों ने मिला लिया था.