
दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. केजरीवाल ने गिरफ्तारी को कोर्ट में चुनौती दी है.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ मामले पर सुनवाई कर रहे हैं. ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जब हमने जांच शुरू की थी तो हमारी जांच सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई.
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी से कई सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि चुनाव से पहले ही केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों हुई? केजरीवाल केस में क्या कुर्की हुई है? मामले में कार्रवाई और गिरफ्तारी के बीच लंबा वक्त क्यों रहा?
कोर्ट ने पूछा कि मिस्टर राजू, दो सालों में 1100 करोड़ कैसे हो गए? आपने पहले 100 करोड़ रुपये बताया था. इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ऐसा शराब पॉलिसी के फायदे की वजह से हुआ. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि पूरी आय अपराध की आय कैसे हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से पहले की फाइल भी ई़डी से मांगते हुए कहा कि दो सालों से जांच चल रही है. ये किसी भी जांच एजेंसी के लिए सही नहीं है कि दो सालों तक इस तरह जांच चले.
एडिशनल सॉलिसिटर ने कहा कि आपको दिखा सकते हैं कि इन्होंने 100 करोड़ रुपये मांगे थे. केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये मांगे थे. जब हमने जांच शुरू की थी तो हमारी जांच सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ नहीं थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई.
इस पर कोर्ट ने पूछा कि आपको इतना समय क्यों लगा? हमारा सवाल है कि आपने देरी क्यों की? एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर हम शुरुआत में ही केजरीवाल के बारे में पूछना और उनकी जांच शुरू कर देते तो गलत लगता. चीजों को समझने में समय लगता है. चीजों की पुष्टि जरूरी होती है.
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 9 समन जारी किए थे. हालांकि, केजरीवाल किसी भी समन पर पेश नहीं हुए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप है कि वह घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे और सीधे तौर पर शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगने में शामिल थे. इन आरोपों को खारिज करने वाली AAP कहती रही है कि दिल्ली में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे.