
चुनाव आयोग ने सोमवार (3 जून) को कांग्रेस नेता जयराम रमेश के उस अनुरोध को ठुकरा कर दिया, जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपने आरोपों का सबूत देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था. जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था.
शाम सात बजे तक जवाब दें जयराम रमेश
चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को सोमवार शाम 7 बजे तक जवाब देने के लिए कहा है. कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा, “अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है. यह स्पष्ट रूप से धमकी है, जो दिखाती है कि बीजेपी कितनी हताश है. अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान का पालन करना चाहिए.”
इससे पहले दिन में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जयराम रमेश के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है.
जयराम रमेश पर चुनाव आयोग सख्त
मतगणना से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया. हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया… यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें.”
इससे पहले रविवार (2 जून) को चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से अमित शाह के खिलाफ जो उन्होने आरोप लगाए हैं, उसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी. ईसीआई ने कहा था, “वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) का एक कर्तव्य है. एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता की ओर से इस तरह से सार्वजनिक बयान देकर शक पैदा करने की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए. जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस पर ध्यान रखना चाहिए.”