राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर पर चर्चा का राज्‍यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है. देश की जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी है. लेकिन जनता का आदेश कुछ लोगों को समझ में नहीं आया. देश की जनता ने भरोसे की राजनीति को अपनाया है. भविष्‍य के संकल्‍पों के लिए जनता ने हमें फिर चुका है. हमारी सरकार को 10 साल हुए, अभी 20 बाकी, उनके मुंह में घी-शक्कर.

कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की. लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है.” 

राष्ट्रपति महोदया का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था. पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं. इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं.”