पश्चिम बंगाल में सोमवार (14 अप्रैल 2025) को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक बार फिर हिंसा भड़की है. दक्षिण 24 परगणा के भांगड़ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगाने के साथ-साथ जमकर तोड़फोड़ किया. इस इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कोलकाता में प्रदर्शन के लिए आ रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के समर्थकों से भरी बसों को रास्ते में ही रोक दिया गया था. वक्फ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में व्यापक हिंसा देखी गई है, और इसको लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगा रहे हैं.

ISF राज्य विधानसभा में तृणमूल और भाजपा के अलावा एकमात्र प्रतिनिधित्व रखने वाली पार्टी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने जब भांगर से आ रहे उनके वाहनों को कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर बढ़ने से रोक दिया तब ISF कार्यकर्ताओं ने बसंती एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया.

मुर्शिदाबाद में हो रही हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि बीएसएफ (BSF) के कुछ जवान ऐसे लोगों को बंगाल में प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं, जो हिंसा फैलाकर वापस लौट जा रहे हैं. यही बात बीजेपी नेता दिलीप घोष भी कह चुके हैं. टीएमसी ने सवाल उठाया है कि अगर दिलीप घोष को बीएसएफ की इस भूमिका की जानकारी है, तो गृह मंत्रालय (MHA) और प्रधानमंत्री इससे कैसे अनजान हो सकते हैं?