
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि मशहूर यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया का पासपोर्ट उन्हें वापस लौटा दिया जाए ताकि वह अपने पॉडकास्ट के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सकें. समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के एक एपिसोड के दौरान इलाहाबादिया द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके और अन्य के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जांच के दौरान यूट्यूबर का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों को एक साथ जोड़ने की उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए रणवीर इलाहाबादिया को विभिन्न शर्तों के अधीन गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. तब अदालत ने इलाहाबादिया से कहा था कि वह उसकी अनुमति के बिना भारत न छोड़ें. महाराष्ट्र और असम ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि रणवीर इलाहाबादिया के संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच पूरी हो चुकी है.
इसके बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एनके सिंह की खंडपीठ ने इलाहाबादिया का पासपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया और उन पर से विदेश यात्रा प्रतिबंध हटाने का फैसला किया. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘हम याचिकाकर्ता को अपना पासपोर्ट छुड़ाने के लिए महाराष्ट्र साइबर क्राइम ब्यूरो में आवेदन करने की अनुमति देते हैं. आवेदन पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता के पासपोर्ट को उचित शर्तों के साथ लौटाया जाए, जिससे वह अपने पॉडकॉस्ट के सिलसिले में विदेश यात्रा कर सके.’
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि इलाहाबादिया को जांच के सिलसिले में दोबारा पुलिस के समक्ष उपस्थित होना पड़ता है तो उन्हें इसका अनुपालन करना होगा. इससे पहले 1 अप्रैल को इलाहाबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने तर्क दिया था कि यात्रा प्रतिबंधों के कारण यूट्यूबर की आजीविका प्रभावित हो रही है. क्योंकि वह विभिन्न हस्तियों का साक्षात्कार करके उससे होने वाली कमाई से अपनी आजीविका चलाते हैं, जिसके लिए उन्हें लगातार यात्रा करनी पड़ती है. सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया के अनुरोध का संज्ञान लेते हुए उनका पासपोर्ट रिलीज करने का आदेश दिया.