3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है. हर साल सैकड़ों भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं. जिसके लिए महीनों पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. हालांकि अप्रैल के महीने में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद लोगों में यात्रा को लेकर थोड़ा डर भी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से सुरक्षित यात्रा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं.

अमरनाथ यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों रुटों से होती है. अगर आप हवाई सफर करना चाहते हैं, तो आपको श्रीनगर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट मिल जाएगी और अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं, तो जम्मू के लिए देश के करीब सभी शहरों से ट्रेन चलती है. जम्मू से आप यात्रा की पर्ची कटवाकर बस से बालटाल या पहलगाम जा सकते हैं. बस का किराया 700 रुपये से शुरू होता है. वहीं श्रीनगर एयरपोर्ट से आप टैक्सी लेकर बालटाल या पहलगाम जा सकते हैं.

बालटाल या पहलगाम के लिए शेयरिंग टैक्सी का रेट 800 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक पड़ता है, वहीं अगर प्राइवेट कार से जाएंगे तो 4000 रुपये तक लगते हैं. बालटाल में ठहरने के लिए आपको शेयरिंग टेंट लेना होगा, जिसके लिए आपको 500 रुपये देने होंगे. हालांकि यहां पर ठहरने के लिए फ्री सुविधा भी है. बालटाल से अमरनाथ की गुफा करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां एंट्री दोमेल गेट से होती है, वहीं पहलगाम से गुफा की दूरी करीब 32 किलोमीटर है, जहां एंट्री चंदनवाड़ी से होती है, यहीं पर आपकी आरएफआईडी चेक होती है. यात्रा की शुरुआत में ही आपको RFID कार्ड लेना होता है, जिसके लिए आपको 250 रुपये की फीस देनी होती है, क्योंकि इसके बिना आप यात्रा नहीं कर सकते हैं. 


बालटाल से दोमेल के लिए आपको फ्री बैट्री रिक्शा और बस भी मिलती है, जिससे पैदल यात्रा की दूरी करीब 2 किलोमीटर कम हो जाती है. दोमेल गेट से एंट्री सुबह 4 बजे से 10 बजे तक होती है. इसके बाद आपकी यात्रा शुरू होती है. रास्ते में आपको कई भंडारा मिलेगा, जहां पर आप आराम से खाना खा सकते हैं. अगर आप घोड़े से जाना चाहते हैं तो आपको 4 से 5 हजार रुपये तक देने होंगे. वहीं पालकी का रेट आने-जाने का 8 हजार रुपये है. घोड़े और पालकी वाले गुफा से एक किलोमीटर दूर ही छोड़ देते हैं, वहां से आपको पैदल ही जाना पड़ेगा. अगर आपको आराम से दर्शन करना है तो बेहतर होगा कि आप सुबह जल्दी निकलें. 

वैसे अमरनाथ यात्रा भले ही जुलाई के महीने में शुरू होती है, लेकिन इसकी प्रक्रिया अप्रैल से ही जारी रहती है. श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. इसके लिए आपको मेडिकली फिट होना भी जरूरी है. आपको अपना मेडिकल सर्टिफिकेट देना होता है. फॉर्म भरने पर अपना सर्टिफिकेट अपलोड करना होता है, जिसके बाद आपके रजिस्ट्रेशन की प्रकिया पूरी होती है. 

बाबा अमरनाथ यात्रा के दर्शन के लिए आपको ज्यादा खर्चा पहलगाम और बालताल तक जाने का ही पड़ता है. उसके बाद वहां पहुंचने पर आपको खाने से लेकर रहने तक का फ्री इंतजाम मिल जाएगा. अगर आपको पैसे देने भी पड़ते हैं तो टेंट के लिए जो काफी कम है अगर आप पैदल यात्रा पर जा रहे हैं तो खर्च कम पड़ेगा, लेकिन अगर आप घोड़ा या पालकी लेते हैं तो उसके लिए अलग से पैसे देने होंगे.