केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सड़कों पर उतर आई है. पार्टी नेता कल दोपहर से धरना दे रहे हैं. टीएमसी ने 24 घंटे के धरने का ऐलान किया है. मंगलवार सुबह फिर टीएमसी नेता दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए हैं और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता भी समर्थन देने पहुंच गए हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में AAP नेता भी धरनास्थल पर बैठ गए हैं.

सौरभ भारद्वाज ने कहा, हम लोग आपके साथ हैं. बहुत सारे विधायक आ रहे हैं. आप अकेले नहीं हैं. हम लोग आपके साथ हैं. TMC नेता डोला सेन ने कहा कि हमको पता है- आप जंग लड़ रहे हैं. हम भी लड़ रहे हैं.

टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने मंगलवार सुबह एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, टीएमसी का 24 घंटे से धरना जारी है. हम कल (सोमवार) शाम 5 बजे जब चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने से निकले तो दिल्ली पुलिस ने धक्का देकर और दुर्व्यवहार करते हुए उठा लिया. पुलिस हम लोगों को बस से एक अज्ञात जगह ले गई. अंत में मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन लाया गया. वहां हमने रात बिताई. आम चुनाव 2024 में विपक्ष के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों एनआईए, सीबीआई, आईटी और ईडी का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है. इसके खिलाफ आज सुबह से फिर हमारा धरना जारी है.

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को टीएमसी नेताओं को हिरासत में ले लिया था और थाने लेकर गए थे. हालांकि, टीएमसी नेता वहां भी धरने पर बैठ गए. पार्टी नेताओं ने पूरी रात थाने में गुजारी. सुबह फिर से मोर्चा खोल दिया.

धरना देने वाले टीएमसी नेताओं में डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और पार्टी के पश्चिम बंगाल छात्र विंग के उपाध्यक्ष सुदीप शामिल हैं. TMC के 10 नेताओं का यह डेलिगेशन चुनाव आयुक्त से मिलने गया था. जिसके बाद चुनाव आयोग दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गया.

एक दिन पहले सोमवार को टीएमसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर ECI दफ्तर के बाहर धरना दे रहे थे. इन सभी को मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया. ये सभी नेता अभी भी थाने में ही मौजूद हैं. टीएमसी नेताओं ने दावा किया है कि उनका धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है. जानकारी के मुताबिक बीती रात पुलिस ने सभी नेताओं को थाने से जाने के लिए बोल दिया था, लेकिन वे नहीं गए. 

दूसरी ओर कोलकाता में अभिषेक बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल इसी मसले पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिला. टीएमसी ने दिल्ली में पार्टी नेताओं को हिरासत में लिए जाने की शिकायत की. अभिषेक बनर्जी का कहना था कि यह लोकतंत्र की हत्या है. वहीं, टीएमसी प्रमुख और पश्चि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर जबरदस्त प्रहार किया है. सोमवार का बांकुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लोकतंत्र को जेल बना दिया है. मुख्यमंत्री ने NIA, सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग के एक्शन पर भी सवाल उठाए हैं. ममता का कहना था कि पूरे देश को जेल में बदल दिया है. मोदी की गारंटी को लेकर ममता ने कहा, ‘मोदी की गारंटी’ का मतलब 4 जून के बाद सभी विपक्ष के नेता को जेल में डालना है. ममता ने टीएमसी नेताओं की पत्नियों को सलाह दी और कहा, अगर उनके पति को चुनाव से पहले गिरफ्तार किया जाता है, वो सड़क पर उतरें.