
मुंबई समंदर के किनारे बसा है लेकिन इस वक्त मुंबई खुद किसी समंदर से कम नहीं. दो दिनों से हो रही बारिश के बाद मुंबई की सड़कों पर पानी का कब्जा हो गया है. पॉश इलाके से लेकर पिछड़े इलाकों तक सड़कों में, गलियों में हर तरफ पानी-पानी है. बारिश से मुंबई इस कदर बेहाल हो गई है कि लोग घरों में कैद हो गए हैं. दफ्तर जाने वालों की संख्या आज वैसी नहीं दिख रही जैसी अक्सर मुंबई में दिखती है. स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है, लोगों को सावधान रहने को कहा गया है.
अब मौसम विभाग ने नए अलर्ट ने चिंता पैदा कर दी है. मौसम विभाग ने पुणे ज़िले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. वहीं, अगले तीन घंटों में मुंबई , ठाणे, पालघर, रायगढ़ और पुणे के घाट क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं, जो 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.
बारिश से बेहाल मुंबई में फिर बारिश और परेशानियां बढ़ाने वाली है. ऐसा नहीं है कि मुंबई की ऐसी हालत इसी सीजन में हुई हो. ये हर साल की कहानी है बल्कि ये सालों साल की कहानी है. हर साल मुंबई की ऐसी ही हालत हो जाती है और ये हालत तब है जब मुबंई में सिविक सेवाओं की देख-रेख करने की जिम्मेदारी जिस बीएमसी पर है वो देश का सबसे अमीर नगर निगम है.
मुंबई को जैसे पानी में डूबने की आदत सी हो गई है. एक कोने से दूसरे कोने तक, एक छोर से दूसरे छोर तक, मुंबई इस वक्त जलमग्न है. सडकें डूबी हैं, सबवे डूबे हैं, हाउसिंग सोसाइटी में पानी है. रेलवे लाइन पर पानी का कब्जा है. महंगी और बडी गाडियां डूबी हैं. अंधरी का सबवे हर साल पानी से भर जाता है, जैसे गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई की पहचान है, वैसे ही अंधेरी का ये सबवे भी मुंबई की एक पहचान बन गई है.
मुंबई का ये हाल सिर्फ दो दिनों की बारिश का नतीजा है और ये उस मुंबई का हाल है, जहां पानी की निकासी का जिम्मा एशिया के सबसे बड़ी सिविक एजेंसी के हाथों में है. जिसका नाम ब़ॉम्बे म्यूनिसिपल कारपोरेशन-बीएमसी है. एशिया के सबसे अमीर नगर निगमों में एक बीएमसी का बजट कई छोटे राज्यों के बजट से ज्यादा है.