
लाल सागर में पानी के नीचे ऑप्टिक केबलों के काटने की खबर सामने आ रही है. जिसकी वजह से दुनियाभर के कई देशों में स्लो इंटरनेट की समस्या हो रही है. माइक्रोसॉफ्ट के Azure पर भी इसका बड़ा असर पड़ा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लाल सागर में बिछी केबल दुनियाभर में इंटरनेट की पहुंच के लिए बहुत ही जरूरी है. यूरोप और एशिया के बीच जितना भी इंटरनेट चलता है, उसका एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तारों से कनेक्ट रहता है. यही कारण है कि वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक का 17% हिस्सा इस समय बाधित हो गया है.
क्षतिग्रस्त केबलों में SEACOM/TGN-EA, AAE-1 और EIG जैसे प्रमुख सिस्टम शामिल हैं, जिससे महाद्वीपों के बीच डेटा प्रवाह का एक बड़ा हिस्सा बाधित हुआ है. इंटरनेट केबल टूटने से माइक्रोसॉफ्ट का एज्योर पर बड़ा असर पड़ा है. इसको लेकर माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि Azure के यूजर्स को खासकर एशिया और यूरोप के बीच ट्रैफिक में परेशानी हो सकती है. कंपनी के मुताबिक इन तारों को ठीक होने में टाइम लग सकता है, इसलिए वे फिलहाल डेटा को दूसरे रास्तों से भेजकर काम चला रहे है. वे यूजर्स पर इस समस्या के प्रभाव को कम करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि इसको लेकर अधिकारी अभी यह नहीं पता लगा पा रहे हैं कि केबलों कैसे कटी. लाल सागर में हुई पिछली घटनाओं का कारण अक्सर कामर्सिल वेसल्स द्वारा गिराए गए एंकर माने जाते है, लेकिन कुछ मामलों में जानबूझकर की गई तोड़फोड़ का भी शक रहता है. इस क्षेत्र में चल रहे विवाद के कारण एक्सपर्ट्स को शक रहता है कि महत्वपूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जानबूझकर निशाना बन सकता है, जिससे वैश्विक कनेक्टिविटी को प्रभावित किया जा सके. इंटरनेट एक्सेस पर नज़़र रखने वाली कंपनी नेटब्लॉक्स ने बताया कि लाल सागर के नीचे लगी कई केबलों में गड़बड़ी होने से कई देशों में इंटरनेट कनेक्शन स्लो हो गया है. इसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं.