
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता (UCC) की नियमावली को मंजूरी दी गई. सीएम धामी ने कहा कि, जो वादा किया था, वह पूरा किया गया है और समीक्षा के बाद UCC लागू किया जाएगा. कैबिनेट ने UCC नियमावली पर अपनी मुहर लगाई है अब जल्द ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा.
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐलान कर दिया था कि राज्य में जनवरी 2025 से ‘समान नागरिक संहिता’ यानि यूसीसी लागू हो जाएगी. इसकी लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. ऐसा होने से उत्तराखंड आजादी के बाद ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा. दरअसल, यूनिफॉर्म सिविल कोड शादी, तलाक, मेंटिनेंस, संपत्ति का अधिकार, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे क्षेत्रों को कवर करता है. व्यक्ति किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय का क्यों न हो, उन सबके लिए एक समान कानून है यूसीसी. 2015 में यूसीसी लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय का कहना है कि इसका धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है. UCC लागू होने से प्रदेश क्या नियम कायदे बदल जाएंगे और किसे क्या अधिकार मिलेंगे, यह जानना भी जरूरी है.
4 भागों में है यूसीसी की नियमावली
यूसीसी की नियमवाली को चार भागों में बांटा गया है.
- विवाह और तलाक
- लिव इन रिलेशनशिप
- जन्म और मृत्यु
- उत्तराधिकार.
यूसीसी लागू होने के बाद क्या होगा?
- सभी धर्मों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और उत्तराधिकार के लिए एक ही कानून
- हर दंपत्ति के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य
- विवाह के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 और महिला की 18 वर्ष होगी
- पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना प्रतिबंधित होगा
- संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार
- वैध अवैध संतान में कोई भेद नहीं
- गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार
- लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य