सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ हादसे का मुद्दा उठाते हुए संसद में सरकार को घेरा. अखिलेश ने मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई. बच्चों के आंकड़े तो नदारद है. खोया-पाया केंद्रों पर लोग् अपनों को खोज रहे हैं. महाकुंभ में लोगों ने अपनों को खोया.  कुंभ का आयोजन कोई पहली बार नहीं हुआ है. समय समय पर जिसकी भी सरकारें रही हैं, इसका आयोजन करती रही हैं. उन्होंने महाकुंभ में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखे जाने की मांग करते हुए कहा कि हादसे के दिन शाही स्नान वक्त पर नहीं हो पाया.

शाही स्नान का मुहूर्त होता है, ये सनातन परंपरा रही है. यह परंपरा उस दिन टूटी है. अखिलेश ने कहा कि इतना प्रचार किया गया महाकुंभ का. कहा गया कि 144 साल बाद ये कुंभ आया है. कहा गया कि सौ करोड़ लोगों की व्यवस्था है. अगर ये बात सही नहीं है जो मैं कह रहा हूं तो सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हूं. अखिलेश ने कहा कि महिलाओं के कपड़े, लोगों की चप्पलें जो वहां पड़ी थीं, उन्हें जेसीबी से उठाकर ट्रॉलियों से हटाया गया. सरकार बताए कि शव कहां फेंके गए.

अखिलेश यादव ने कहा कि डिजिटल कुंभ कराने वाले मृतकों के आंकड़े तक नहीं दे पा रहे. लाशें कहां फेंकी गईं, बताया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी. वे घटना को छिपाने में लगे रहे. उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था को सेना के हवाले करने की मांग करते हुए कहा कि पुण्य कमाने आए लोग अपनों के शव लेकर गए. राष्ट्रपति के अभिभाषण में वही सारी पुरानी बातें थीं. 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन, 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर लाई गई, 10 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए. यही आबादी 105 करोड़ हो जा रही है तो सरकार किस आबादी के लिए काम कर रही है. अखिलेश ने तंज करते हुए कहा कि सरकार के दोनों इंजन कहीं आपस में टकरा तो नहीं रहे.

अखिलेश ने कहा कि 10 साल पहले जिसे क्योटो बनाने की बात कही थी, वहां आजतक ये मेट्रो तक नहीं शुरू करा पाए. यूपी में जो भी मेट्रो चल रही है, सब समाजवादियों की देन है. उन्होंने भूमि अधिग्रहण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उन किसानों को उचित मुआवजा क्यों नहीं दिया गया. अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने जब एक्सप्रेसवे बनवाया तो सुखोई और मिराज उतारकर उद्घाटन किया. उसका डिजाइन बीजेपी ने तैयार नहीं किया था.

अखिलेश ने सोलर स्कीम का मेंटेनेंस रोकने से लेकर लोहिया आवास जैसी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग हैं जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं. बीजेपी और कांग्रेस के अपने विचार हैं. एक जमाना था जब हमने बड़े स्तर पर जमीन खोई. अब उसी रास्ते पर बीजेपी चल रही है. अगर चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है तो जो अखबार और चैनल ऐसी खबरें चला रहे हैं, उन पर एफआईआर कर उन्हें जेल भेज दीजिए. जब आप उनको मुकदमा कर जेल भेज सकते हैं जो कुंभ की सच्ची खबर चलाना चाहते थे, तो उन पर भी करिए.

अखिलेश ने जातिगत जनगणना का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस भी अब इस मुद्दे पर हमारे साथ है. अब जाति जनगणना होकर रहेगा. इस पर ट्रेजरी बेंच की ओर से किसी ने कुछ कहा जिस पर अखिलेश ने कहा कि हम साथी हैं, कोई टकराहट नहीं है आपके इंजन की तरह. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सोशल मीडिया की सबसे अधिक समझ रखते हैं, ये उनकी बात भी नहीं समझ रहे जो वो समझाते हैं.  अगर कांग्रेस पार्टी का ये रास्ता था तो आपका रास्ता क्यों है वो. जिस दिन आपके साथी समझ जाएंगे, उस दिन वे भी साथ छोड़ जाएंगे.