अमरोहा। पंजाब सरकार व किसानों के बीच वार्ता विफल हो जाने पर पांच मार्च को प्रस्तावित चंडीगढ़ आंदोलन के समर्थन तथा पंजाब में किसानों की धरपकड़ से नाराज़ उतर प्रदेश के किसानों ने हुंकार भरी।


भाकियू संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में हार से बौखलाई आम आदमी पार्टी (आप) की भगवंत मान सरकार देश की प्रगति में सबसे अधिक योगदान देने वाले पंजाब के किसानों के उत्पीड़न पर उतर आई है।


नरेश चौधरी ने कहा कि तीन मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान तथा किसानों के बीच वार्ता विफल हो जाने पर किसानों का उत्पीड़न किसी भी तरह जायज़ नहीं है। खेती-बाड़ी से जुड़ी समस्या का हल बातचीत से ही संभव है, ना कि किसानों को जेल में बंद करने पर। उन्होंने कहा कि समाधान निकालना है तो सरकार को किसानों के साथ बातचीत का रास्ता अख्तियार करना होगा।

किसान नेता नरेश चौधरी ने किसानों के साथ वार्ताओं की विफलता के लिए प्रशासनिक उदासीनता व नीतिगत हस्तक्षेप के अभाव को जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों के हक़ में एक राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री से वार्ता की विफलता के बाद प्रस्तावित चंडीगढ़ आंदोलन के लिए पांच मार्च धरने को कूच कर रहे किसान संगठनों के नेताओं को पुलिस द्वारा रात्रि में घरों से हिरासत में लेने पर उतर प्रदेश के किसानों में आक्रोश व्याप्त है।


भाकियू संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने किसानों को हिरासत में लिए जाने की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों को पंजाब पुलिस द्वारा हिरासत में लेना सरकार की बड़ी भूल बताया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के साथ जत्थेबंदियों के साथ वार्ता विफल हो जाने पर बुधवार पांच मार्च को चंडीगढ़ आंदोलन का ऐलान किया गया था। भाकियू संयुक्त मोर्चा की मांग है कि हिरासत में लिए गए सभी किसान नेताओं को तुरंत छोड़ा जाए। किसानों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए। अन्यथा उत्तर प्रदेश के किसानों को भी आंदोलन करने के लिए मज़बूर होना पड़ेगा।