
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश कर दिया है. कांग्रेस और सपा के सांसदों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया है. सपा सांसद मोहिबुल्ला ने कहा है कि ये हमारे धर्म में दखलअंदाजी है.
किरेन रिजिजू ने कहा कि हम प्रस्ताव करते हैं कि जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेज दिया जाए. इस पर स्पीकर ने कहा कि हां, जल्द ही कमेटी बनाऊंगा. असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर डिवीजन की मांग की. स्पीकर ने कहा कि इस पर डिवीजन कैसे बनता है. ओवैसी ने कहा कि हम तो शुरू से डिवीजन की मांग कर रहे हैं.
किरेन रिजिजू ने कहा कि मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 पूरे देश में लागू हुआ जिसमें बलूचिश्तान और संथाल परगना भी शामिल हैं. ये एक्ट एप्लिकेबल नहीं है. इसलिए इसे रूल बुक में ही नहीं रहना चाहिए. अमित शाह ये 1955 के बिल और 2013 के संशोधन के बाद अस्तित्व में ही नहीं है. इसे हम कागज से निकाल रहे हैं. इसमें विपक्ष को आपत्ति नहीं होना चाहिए.
टीएमसी सांसद प्रोफेसर सौगत रॉय ने रिपील बिल का विरोध किया. सरकार वक्फ प्रॉपर्टी पर कब्जा करना चाहती है. ये मुसलमानों की प्रॉपर्टी है. इस बोर्ड में नॉन मुस्लिम नहीं होना चाहिए. ये बहुत संवेदनशील बिल है. इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. पिछले बिल पर ओवैसी ने डिवीजन की मांग की है. डिवीजन होना चाहिए.