देश के कई हिस्सों में करवा चौथ का चांद नजर आ गया है. बताया जा रहा कि सबसे पहले चांद असम के गुवाहाटी में दिखाई दिया. इसके बाद हिमाचल प्रदेश के शिमला और फिर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चांद के दर्शन हो गए हैं. अब देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी चांद नजर आ गया है. चांद निकलने के बाद महिलाएं पूजा कर अपना करवा चौथ का व्रत खोल रहीं हैं.
कैसे दें अर्घ्य
अगर पति पत्नी के बीच में बेवजह झगड़ा होता है तो जल में ढेर सारे सफेद फूल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. अगर पति पत्नी के बीच में प्रेम कम हो रहा है तो जल में सफेद चंदन और पीले फूल डालकर अर्घ्य दें. अगर पति-पत्नी के स्वास्थ्य के कारण वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही है तो पति-पत्नी एक साथ चन्द्रमा को अर्घ्य दें. जल में जरा सा दूध और अक्षत जरूर डाल लें. अगर नौकरी के कारण या जीवन में किसी अन्य कारण से पति-पत्नी के बीच में दूरियां आ गई हैं तो शंख से जल अर्पित करें. जल में थोड़ा सा इत्र मिला लें.
बता दें कि करवा चौथ के मौके पर सुहागिन महिलाओं ने पति की दीर्घायु और हेल्थ के लिए देशभर में आज व्रत रखा है. ये व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन निर्जला व्रत रखने से पति को लंबी आयु का वरदान मिलता है. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं शाम के वक्त चांद को देखने के बाद छन्नी में पति का चेहरा देखती हैं और इसके बाद पति के हाथों से पानी पीती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं.
इस दिन मूलतः भगवान गणेश, गौरी और चंद्रमा की पूजा का विधान है. चंद्रमा को सामान्यतः आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. इसलिए चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं वैवाहिक जीवन में सुख शांति और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. यही कारण है कि इस दिन सुहागनों को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार रहता है.