
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की नाजुक हालत के लिए केंद्र सरकार की हठधर्मिता जिम्मेदार : नरेश चौधरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा
गजरौला। भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि जिस देश में क्रिकेट खिलाड़ी करोड़ों में बिकते हैं ऐसे में किसानों की फसलों का भी कोई आईपीएल होता, तो आज़ देश का पेट भरने वाला किसान एक महीने से अनशन पर न होता।
फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी गारंटी कानून लागू करने की मांग को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले एक माह से अनशन पर हैं।उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है। किसान नेता का जीवन संकट में है लेकिन सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। भाकियू संयुक्त मोर्चा केंद्र सरकार से अनुरोध करता है कि किसान नेता से शीघ्र वार्ता करने के निर्देश दिए जाएं जिससे श्री डल्लेवाल का जीवन बचाया जा सके। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम एस पी) को गारंटी देने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग को लेकर किसान आंदोलित हैं। जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं आता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में एकजुट किसानों ने आज़ जगह जगह धरना प्रदर्शन किया। श्री चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता के चलते अनशन पर बैठे किसान नेता की हालत बिगड़ती जा रही है लेकिन सरकार चुप्पी साधे हुए है।

गौरतलब है कि फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को मंजूर करने का केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए खनौरी सीमा पर पिछले एक महीने से किसान नेता डल्लेवाल अनशन पर बैठे हुए हैं।
नरेश चौधरी ने कहा कि देश के बड़े किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल जो पिछले करीब एक माह से आमरण अनशन पर हैं। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।किसानों की समस्याओं की बाबत सियासी दल मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। भाकियू संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि किसान नेता डल्लेवाल का आमरण अनशन किसानों की मांगों को लेकर निर्णायक संघर्ष की ओर बढ़ता जा रहा है। उनका जीवन संघर्ष किसानों के अस्तित्व का प्रश्न बन चुका है। उनकी मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की कानूनी गारंटी और अन्य किसान हितैषी नीतियों का कार्यान्वयन शामिल है।

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर का सम्मान करना सभी राजनीतिक दलों की नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन आंबेडकर के नाम पर सियासी फायदा उठाना किस तरह किसान कामगार के हित में हो सकता है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आंदोलन पर सभी राजनीतिक दलों की खामोशी से स्पष्ट हो जाता है कि किसानों का चाहे गन्ना मूल्य बढ़ाने या गन्ना भुगतान का मुद्दा हो या फिर किसान आंदोलन की महत्वपूर्ण मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी की बात हो ऐसी तमाम समस्याएं राजनीतिक दलों के लिए अहमियत नहीं रखती हैं? जबकि चुनावों के दौरान यही राजनीतिक दल किसान, किसान, किसान की रट लगा कर थकते नहीं हैं।
राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर यहां एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयवीर सिंह राष्ट्रीय सचिव अरुण सिद्धू युवा मोर्चे के अध्यक्ष रवि चौधरी, मंडल अध्यक्ष मयंक धारीवाल आदि पदाधिकारी व तमाम किसान मौजूद रहे।