
केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) पेश कर दिया, जिसपर करीब 8 घंटे तक बहस चलेगी और रात तक इसपर फैसला आ जाएगा. अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं चाहता हूं कि इसे जल्द से जल्द पारित किया जाए.
इस विधेयक (Waqf Amendment Bill) का ऐलान 8 अगस्त 2024 को सरकार ने किया था. इसके साथ ही मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पेश किया गया था. इन विधेयकों का उद्देश्य बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और वक्फ संपतियों को मैनेज करने में सुधार करना है. संशोधन का लक्ष्य वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर वक्फ की परिभाषा को अपडेट करके पंजीकरण प्रक्रियाओं में सुधार करना और बेहतर रिकॉर्डकीपिंग के लिए टेक्नोलॉजी को रजिस्टर्ड करके उसमें मौजूदा कमियों को दूर करना है.
वक्फ बोर्ड वर्तमान में 9.4 लाख एकड़ में फैली 8.7 लाख प्रॉपर्टीज को कंट्रोल करते हैं, जिसका अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है. भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग है. सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद बोर्ड देश के सबसे बड़े भूस्वामी भी है.
8.7 लाख बोर्ड प्रॉपर्टीज में से 356,051 वक्फ एस्टेट के तौर पर रजिस्टर्ड हैं. जिसमें 872,328 अचल संपत्तियां हैं और 16,713 चल संपत्तियां हैं. इतने बड़े पैमाने के बावजूद बोर्ड से कोई इनकम जनरेट नहीं होता है.
सच्चर समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि अगर इन प्रॉपर्टीज का सही तरह से उपयोग किया जाए तो इनसे कम से कम 10 फीसदी राजस्व प्राप्त हो सकता है, जो हर साल लगभग 12000 करोड़ रुपये है. समिति ने वक्फ के मैनेजमेंट में सुधार के लिए कई उपायों की भी सिफारिश की, ताकि केंद्रीय वक्फ बोर्ड (CWC) और प्रत्येक राज्य वक्फ बोर्ड (SWB) में दो महिला सदस्यों को शामिल किया जा सके, CWC/SWB में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जा सके और वक्फ को वित्तीय लेखा परीक्षा की योजना के तहत लाया जा सके.
भारत में वक्फ बोर्ड की सबसे ज्यादा जमीन यूपी में है, जो कुल वक्फ बोर्ड की अचल संपत्ति का 27 फीसदी हिस्सा है. यहां कुल 2,32,547 अचल संपत्तियां हैं. इसके बाद पंजाब और पश्चिम बंगाल में 9 फीसदी जमीनें हैं. तमिलनाडु में 8 प्रतिशत, केरल, तेलंगाना और गुजरात में 5 फीसदी है. कर्नाटक में वक्फ बोर्ड की कुल अचल संपत्ति का 7 फीसदी हिस्सा है.