
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है. बेल्जियम के हॉस्पिटल से उसे गिरफ्तार किया गया. उसे फिलहाल बेल्जियम डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. सूत्रों का कहना है कि जिस समय चोकसी को गिरफ्तार किया गया. वह बेल्जियम से स्विट्जरलैंड जाने की योजना बना रहा था. 2018 और 2021 में मुंबई की कोर्ट द्वारा जारी दो गैर जमानती वॉरंट के आधार पर चोकसी को गिरफ्तार किया गया.
चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों का कहना है कि उसकी तबीयत अच्छी नहीं है. वह ब्लड कैंसर से जूझ रहा है और उसी का इलाज करा रहा है. भारतीय जांच एजेंसियों के लिए चोकसी का भारत प्रत्यर्पण काफी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि इंटरपोल ने उसका रेड कॉर्नर नोटिस वापस ले लिया है.
चोकसी स्वास्थ्य आधार पर जमानत के लिए आवेदन कर सकता है. वह कथित तौर पर बेल्जियम कोर्ट में एंटीगुआ में उसे किडनैप किए जाने का हवाला दे सकता है. दरअसल चोकसी ने आरोप लगाया था कि उसे भारतीय जांच एजेंसियों ने एंटीगुआ में किडनैप कर लिया था. भारतीय जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि अगर उसे जमानत मिलती है तो उसे वापस एंटीगुआ जाने की मंजूरी नहीं देनी चाहिए.
मेहुल चोकसी करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं. ये घोटाला 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. चोकसी 2018 से एंटीगुआ में रह रहा है. ED ने चोकसी के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की हैं. 2019 में ED ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि चोकसी ‘भगोड़ा और फरार’ है.
2018 में पीएनबी घोटाला साने आने के बाद चोकसी भारत छोड़कर फरार हो गया था. चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी इस घोटाले में आरोपी है और लंदन में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है.
चोकसी की मई 2021 में एंटिगुआ से लापता होने की खबरें भी सामने आई थीं, लेकिन बाद में उसके डोमिनिका में होने की खबर आई थी. सीबीआई ने इंटरपोल से मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी. इसके बाद 2018 में इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस हटाने के लिए चोकसी की ओर से इंटरपोल में याचिका दायर हुई थी. इसमें उसने दावा किया था कि 2021 में भारतीय जांच एजेंसियों उसका ‘अपहरण’ कर लिया था और डोमिनिका ले गए थे. इसी वजह से इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड नोटिस को हटाने का फैसला लिया है.