पीएम मोदी ने सेना की कार्रवाई का सबूत मांगने वाले विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार सबूत नहीं देने पड़ेंगे, क्योंकि इस बार उधर वाला सबूत दे रहा है. पीएम ने ये भी कहा, मैं दो दिन से गुजरात में हूं. कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं. मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है. ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है. हमने पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों को 22 मिनट में ध्वस्त कर दिया. और इस बार सबकुछ कैमरे के सामने हुआ. .

पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तो हमने ज्यादा कुछ किया नहीं है पर वहां पसीना छूट रहा है. अभी अपने बांध की सफाई कर रहे हैं और वहां इससे बाढ़ आती हैं. साथियों हमने किसी से बैर नहीं है, हम सभी की भलाई चाहते हैं. 

पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर चाहे कितना भी मजबूत या स्वस्थ क्यों न हो, एक भी कांटा लगातार दर्द दे सकता है और हमने तय किया है कि कांटा निकालना ही होगा. विभाजन के दौरान, मां भारती दो भागों में विभाजित हो गई, और उसी रात, मुजाहिदीन द्वारा कश्मीर पर पहला आतंकी हमला किया गया. अगर उन्हें तब खत्म कर दिया गया होता, तो 75 साल की ये पीड़ा टाली जा सकती थी.

1947 में मां भारती के टुकड़े हुए. कटनी चाहिए थी जंजीरें, लेकिन काट दी गईं भुजाएं. देश के तीन टुकड़े कर दिए गए और उसी रात पहला आतंकी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ. मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर, मुजाहिदीनों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया. अगर उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की बात मान ली गई होती तो 75 साल से चला आ रहा ये सिलसिला देखने को नहीं मिलता.

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि देश के लोग चाहते हैं कि ओलंपिक भारत में हो. PM ने ये भी कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ, हमारे भारतीय सशस्त्र बलों-हमारे बहादुरों-ने उन्हें इस तरह से हराया कि वे कभी नहीं भूल पाएंगे. यह महसूस करते हुए कि वे भारत के खिलाफ प्रत्यक्ष युद्ध कभी नहीं जीत सकते, उन्होंने छद्म युद्ध का सहारा लिया, इसके बजाय आतंकवादियों को सैन्य प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की. 6-7 मई की रात जो लोग मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया. उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया. ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये आपकी (पाकिस्तान) सोची-समझी युद्ध की रणनीति है, आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा.