
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया है और देश में हर तरफ इसकी सफलता का जश्न मनाया जा रहा है. नई दिल्ली में आयोजित कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की सालाना बिजनेस समिट के दौरान वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को देश की जीत बताते हुए कहा कि इस जीत में सेनाओं के साथ-साथ हर भारतीय का भी अहम योगदान है.
वायुसेना सेना प्रमुख एपी सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि इस ऑपरेशन को पूरी प्लानिंग और सटीकता के साथ अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि इस काम में सभी एजेंसियां और सेनाओं का कॉर्डिनेशन शानदार रहा. एयरफोर्स चीफ ने कहा कि जब देशवासी साथ हों और जब सच हमारे साथ हो, तो हर काम खुद ही हो जाता है.
भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध का स्वरूप बदल रहा है, हर दिन, हम नई तकनीकें खोज रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर ने हमें यह स्पष्ट रूप से बता दिया है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और भविष्य में हमें क्या चाहिए. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी हम एक राष्ट्र के रूप में वस्तुओं का वितरण करने में सक्षम होंगे और अपने मकसद को हासिल करने में सक्षम होंगे.
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा प्रणालियों में देरी के कई मामलों की ओर इशारा किया, खासतौर पर स्वदेशी परियोजनाओं से जुड़े मामलों की ओर. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम का हवाला देते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा, तेजस Mk1A फाइटर जेट की डिलीवरी रुकी हुई है, जो फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ हस्ताक्षरित हुई थी. ऑर्डर किए गए 83 विमानों में से अब तक कोई भी विमान नहीं दिया गया है. डिलीवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी.
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा. 10 साल में हमें उद्योग से ज़्यादा उत्पादन मिलेगा, लेकिन हमें आज जो चाहिए, वह आज चाहिए. हमें जल्दी से जल्दी अपने कामों को एक साथ करने की जरूरत है. युद्ध सेनाओं को सशक्त बनाकर जीते जाते हैं.
एयर चीफ मार्शल की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वायुसेना सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत तेजी से स्वदेशीकरण और घरेलू क्षमता पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा, हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते, हमें डिजाइनिंग के बारे में भी बात करनी होगी. हमें सेना और उद्योग के बीच विश्वास की जरूरत है. हमें बहुत खुलापन दिखाने की जरूरत है. एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं, तो हमें उसे पूरा करना चाहिए. वायुसेना भारत में निर्माण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है.
एयर चीफ ने कहा, ‘कई बार अनुबंध पर हस्ताक्षर करते समय हम जानते हैं कि वे प्रणालियां कभी नहीं आएंगी. समयसीमा एक बड़ा मुद्दा है. मैं एक भी परियोजना के बारे में नहीं सोच सकता जो समय पर पूरी हुई हो. हम ऐसा वादा क्यों करें जो पूरा नहीं हो सकता.’