अमरोहा/ हापुड़ । उत्तर प्रदेश के अमरोहा व हापुड़ जनपदों में स्थित ब्रजघाट और तिगरीधाम में ज्येष्ठ दशहरा गंगा स्नान पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जय जयकारों से गुंजायमान गंगा के दोनों तटों पर गंगा के मातृत्व को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग सरकार से की गई।

गुरुवार को हर हर गंगे के जयकारों के साथ लाखों की संख्या में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, एनसीआर सहित मुरादाबाद मंडल के अलग-अलग जनपदों से यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने गुरुवार को ब्रजघाट और तिगरीधाम गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गुरुवार प्रातः काल से गंगा स्नान प्रारम्भ हो गया था।

लाखों वर्षों से पृथ्वी पर बह रही पतितं पावनी मां गंगा भगीरथ की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर शिव की जटाओं से निकल कर आज के दिन धरा पर आईं थीं। वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा श्रद्धापूर्वक व धूमधाम से मनाया जाता है।


दिल्ली अपोलो अस्पताल की डायबिटिक एजुकेटर अनुप्रिया अपनी पूरी टीम के साथ ब्रजघाट व तिगरी धाम पहुंची। उन्होंने कहा कि मां गंगा भारत की सौभाग्य रेखा है। गंगा हमारा अस्तित्व है। भागीरथी के अतिरिक्त न कोई त्रिपथगा है और न ही विष्णुपदी। अतः गंगा को खो कर भारत अपना सब कुछ खो बैठेगा।

कलियुग में मनुष्य उद्धार के लिए एक मात्र गंगा प्रत्यक्ष साधन है।उन्होंने कहा कि दिल्ली नेशनल हाईवे-09 स्थित ब्रजघाट गढगंगा किनारे पंडों द्वारा बांस बल्लियां गंगा जल से सटाकर किये गये अतिक्रमण , पंरपरागत नावों के स्थान पर गंगा को रौंदती धुआंधार मोटरबोट और जगह-जगह फैले तटीय गंदगी के ढेर आस्थावान श्रद्वालुओं को आहत करते हैं। उन्होंने विशेष रूप से गंगा की नैसर्गिक को बहाल करने का सुझाव जिला प्रशासन को दिया ।

गंगा पुत्र कहे जाने वाले आईआईटीयन प्रोफेसर डॉ जीडी अग्रवाल के बाद गंगा का अस्तित्व बचाने की मुहिम में जुटे पर्यावरणविद् अरुण तिवारी ने गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आखिर गंगा में कोई तो बात है, कि कांवड़िए गंगा को अपने कंधों पर वहां भी ले जाते हैं, जहां गंगा का कोई प्रवाह नहीं।

यहां के तटीय क्षेत्रों में लहलहाते खेत, मेला मेले, बुद्ध महावीर के विहार, तुलसी – कबीर – नानक की गुरुवाणी भी गंगा की गोद में पुष्पित पल्लवित हुई। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की शहनाई की तान यही परवान चढ़ी। आचार्य वागभट्ट ने गंगा किनारे आयुर्वेद की 12 शाखाओं का विकास किया।