
रेलवे मिनिस्ट्री की ओर से बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा गया है कि अब बिना आधार प्रमाणीकरण के यूजर तत्काल ट्रेन टिकट बुक नहीं कर पाएंगे. मंत्रालय की ओर से साफ किया गया कि टिकट बुकिंग को लेकर ये बड़ा बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू कर दिया जाएगा. गौरतलब है कि बीते दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर अकाउंट (अब X) पर एक पोस्ट के जरिए जल्द ये नियम लागू होने की बात कही थी.
रेल मंत्रालय द्वारा 10 जून 2025 को जारी सर्कुलर में सभी रेलवे जोन के साथ जानकारी शेयर करते हुए कहा गया है कि यह फैसला ये सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि तत्काल योजना का लाभ आम यूजर्स को मिल सके. इसमें कहा गया है कि 01 जुलाई 2025 से आईआरसीटीसी की वेबसाइट या ऐप के जरिए जहां केवल आधार सत्यापित यूजर्स टिकट बुक कर सकेंगे, तो वहीं इसके बाद, 15 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट के लिए आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण भी अनिवार्य कर दिया जाएगा.
इसके अलावा रेलवे टिकट एजेंट भी अब तत्काल टिकट बुकिंग ओपन होने से पहले 30 मिनट तक टिकट बुक नहीं कर पाएंगे. AC क्लास के लिए यह समय सुबह 10:00 बजे से 10:30 बजे तक और नॉन-AC क्लास के लिए सुबह 11:00 बजे से 11:30 बजे तक रहेगा.
बता दें बीते 4 जून को रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा था कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुक करने के लिए ई-आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करना शुरू कर देगा. उन्होंने अपनी पोस्ट में इसके फायदे बताते हुए लिखा था कि इस प्रणाली के जरिए रेलवे के वास्तविक उपयोगकर्ताओं को जरूरत के समय कन्फर्म टिकट पाने में मदद मिलेगी.
IRCTC के मुताबिक, देश में इसके यूजर्स की तादाद 13 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इनमें से महज 10 फीसदी यूजर ही आधार वेरिफाइड हैं. ऐसे में तत्काल टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने नियमों को सख्त बनाते हुए सिर्फ आधार सत्यापित आईआरसीटीसी अकाउंट को ही तत्काल टिकट बुकिंग करने की अनुमति दी है.
बीते दिनों आई एक रिपोर्ट्स में बताया गया था कि तत्काल टिकट बुकिंग में लगातार गड़बड़ियां सामने आने के बाद सरकार ने फर्जी आईडी वाले यूजर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि IRCTC ने पिछले एक साल में 3.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक की हैं, जिससे इसके प्लेटफॉर्म पर सिस्टम की भीड़भाड़ काफी कम हद तक हो गई है. अब रेल मंत्रालय की ओर से इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए आधार प्रमाणीकरण का नियम लागू किया जा रहा है.