पीएम मोदी ने कहा, मैं आशा करता हूं कि इस वर्ष में जिसको जो रास्ता सूझा, उस प्रकार से संसद में सबने अपना-अपना कार्य किया. मैं इतना जरूर कहूंगा कि जिनको आदतन हुड़दंग करने का स्वभाव बन गया है, जो आदतन लोकतांत्रिक मूल्यों का चीरहरण करते हैं. ऐसे सभी माननीय सांसद आज जब आखिरी सत्र में मिल रहे हैं, तब जरूर आत्मनिरीक्षण करेंगे कि 10 साल में उन्होंने जो किया, अपने संसदीय क्षेत्र में भी 100 लोगों से पूछ लें. किसी को याद नहीं होगा कि जिन्होंने इतना हुड़दंग किया. 

उन्होंने कहा, विरोध का स्वर तीखा क्यों न हो, लेकिन जिसने सदन में उत्तम विचारों का लाभान्वित किया होगा, उनको बड़ा वर्ग याद करता होगा. आने वाले दिनों में भी जब सदन की चर्चाएं कोई देखेगा तो एक एक शब्द इतिहास की तारीख बनकर उजागर होगा. इसिलिए जिन्होंने विरोध किया हो, बुद्धि प्रतिभाओं का दर्शन कराया होगा. हमारे खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया की होगी, उसके बावजूद मैं मानता हूं कि बहुत बड़ा वर्ग लोकतंत्र प्रेमी सभी लोग इस व्यवहार की सराहना करते हैं. लेकिन जिन्होंने सिर्फ नकारात्मकता, हुड़दंग किया होगा, उनको शायद ही कोई याद करे.

पीएम मोदी ने कहा, “बजट सत्र, उन सांसदों के लिए पश्चाताप का अवसर है. अच्छे फुटप्रिंट छोड़ने का अवसर है. आज इस अवसर को जाने मत दीजिए. देशहित में विचारों का लाभ सदन को दें. देश को उत्साह और उमंग से भर दें. मुझे विश्वास है कि जब चुनाव का समय निकट होता है तब पूर्ण बजट नहीं रखा जाता. हम भी पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद लेकर आएंगे. इस बार दिशा-निर्देशन लेकर देश की वित्त मंत्री हम सबके सामने कल अपना बजट पेश करने वाली हैं.”