राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को शुक्रवार (7 जून, 2024) को संसदीय दल का नेता चुन लिया है. वहीं, एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद नरेंद्र मोदी दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर पहुंचे. इसके बाद टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार जैसे गठबंधन के साथी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और उन्हें समर्थन देने वाले सांसदों की सूची सौंपेंगे.

मोदी शुक्रवार को तीसरी बार एनडीए के संसदीय दल के नेता चुने गए हैं. वे 9 जून की शाम 6 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इसके साथ ही मोदी लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने वाले देश के दूसरे ऐसे नेता बन जाएंगे. इससे पहले यह रिकॉर्ड पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है.

मोदी समय-समय पर आडवाणी और जोशी से मुलाकात करने जाते हैं. इससे पहले जब आडवाणी को भारत रत्न दिया गया था, तब मोदी भी उनके आवास पर पहुंचे थे. 96 वर्षीय आडवाणी भाजपा के संस्थापक सदस्य हैं. वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री भी रहे हैं.

90 साल के जोशी भी बीजेपी के संस्थापक सदस्य हैं. आडवाणी और जोशी राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. जोशी ने 1991 से 1993 के बीच पार्टी के अध्यक्ष के रूप में काम किया. 

10 साल में मोदी को आडवाणी से मिलने का मौका छोड़ते नहीं देखा गया है. 2014 और 2019 में भी मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद आडवाणी से मिलने पहुंचे थे और आशीर्वाद लिया था. मोदी, आडवाणी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं और कई मौकों पर वो इसका जिक्र कर चुके हैं. आडवाणी का बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में जितना योगदान है, उतना ही नरेंद्र मोदी के सफर में भी है. आडवाणी को कई मौकों पर मोदी के लिए ढाल बनकर खड़े होते देखा जाता था.