नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से छात्रों का गुस्सा एनटीए पर फूट रहा है. मेडिकल स्टूडेंट्स ने परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी एनीटए पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों का मानना है कि इस बार परीक्षा में कोई ना कोई गड़बड़ी हुई है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि 67 स्टूडेंट्स को फुल मार्क्स आए हैं. इसके अलावा एक ही सेंटर से कई टॉपर निकलना भी नीट को शक के घेरे में खड़ा कर रहा है, जिसको लेकर सोशल मीडिया और सड़कों पर स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

नीट परीक्षा को लेकर एनटीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की बौछार आ गई है. सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मेडिकल छात्रों का आंदोलन जारी है.

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को दूसरी याचिका के साथ जोड़ा है. काउंसलिंग पर रोक लगाने से फिलहाल कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि इम्तिहान की मर्यादा और पवित्रता पर असर पड़ा है. हम एनटीए की दलील भी सुनना चाहेंगे.

NEET परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है साथ ही नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जवाब भी मांगा है.

एनटीए ने क्या कहा?
एनटीए ने अनियमितता के आरोप को नकराते हुए कहा है कि एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) पाठ्य पुस्तकों में बदलाव और परीक्षा केंद्र में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है.

हाल ही में एनटीए ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने ग्रेस नंबर पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है.