दिल्ली में मॉनसून ने ऐसी एंट्री ली कि बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लंबे समय से हो रहे इंतजार के बाद दिल्ली में आज, 28 जून को मॉनसून ने दस्तक दे दी और देर रात से सुबह तक झमाझम बारिश हुई. मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में मॉनसून के आगमन की आधिकारिक पुष्टि कर दी है. मौसम विभाग का कहना है कि राजधानी में मॉनसून सामान्य से दो दिन पहले पहुंच गया है.

बता दें कि दिल्ली में मॉनसून आमतौर पर 30 जून को आता है. भारी बारिश के साथ दिल्ली में इस बार मॉनसून का आगाज हुआ है. जून के महीने में सफदरजंग में 24 घंटों में अब तक की सबसे अधिक बारिश 28 जून 1936 को 235.5 मिमी दर्ज की गई थी. इसके बाद आज, 28 जून 2024 को सफदरजंग में 228.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. IMD का कहना है कि ये अब तक का दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है. हालांकि, ये अभी शुरुआत है. दिल्ली को अभी ऐसी बारिश और देखने को मिलेगी.

दिल्ली की बारिश ने आज हद ही कर दी. बारिश इतनी हुई कि इसने 88 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. अब हाल ये हो गया है कि सड़कों पर पानी भरा है, लोग ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं. मोहल्ले और बस्तियां इस वक्त डूबी डूबी नजर आ रही हैं. सुबह-सुबह बारिश के बाद इस वक्त दिल्ली जाम से जूझ रही है. लोग पानी में फंसे हुए हैं हालांकि, इन बादलों का दिल्लीवालों ने लंबा इंतजार भी किया है लेकिन जिस तरह से बादल दिल्ली में बरसे हैं, लोग यही कह रहे हैं कि बादलों ने तो हद कर दी है.

कल यानी शनिवार को दिल्ली में आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश होगी यानी 29 जून को दिल्ली में आज से कम बारिश होगी लेकिन बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. तापमान की बात करें तो शनिवार को अधिकतम तापमान 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहने की संभावना है. इसके बाद फिर भारी बारिश का सिलसिला शुरू होगा.

मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, दिल्ली में आज के लिए भारी बारिश का अलर्ट था. इसके बाद 30 जून से 2 जुलाई तक दिल्ली में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा यानी एक दिन (29 जून) के गैप के बाद दिल्ली में फिर भारी बारिश की संभावना है. इस दौरान तापमान में भी गिरावट बनी रहेगी. इन दिनों दिल्ली का अधिकतम तापमान गिरकर 32 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और न्यूनतम तापमान 25 से 26 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा. इसके बाद 3 और 4 जुलाई को बारिश या गरज के साथ बौछारें देखने को मिलेंगी.

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिम राजस्थान के कुछ और हिस्सों, पूर्वी राजस्थान के शेष हिस्सों, हरियाणा के कुछ हिस्सों, पूरी दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ और हिस्सों, मध्य प्रदेश के बचे हुए हिस्सों, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ और भाग में आगे बढ़ गया है. वहीं, आने वाले 2-3 दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों,  हरियाणा के शेष हिस्सों, पूरे चंडीगढ़ और पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष हिस्सों में आगे बढ़ेगा.

इससे पहले 27 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने उत्तरी अरब सागर और गुजरात राज्य के शेष हिस्सों तक अपनी पहुंच बढ़ा दी थी. इस मॉनसूनी प्रगति ने राजस्थान के अतिरिक्त हिस्सों और मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण हिस्सों में भी प्रवेश किया, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से, पंजाब के कुछ क्षेत्र और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद के अधिकांश क्षेत्र प्रभावित हुए.