
अखिलेश यादव ने लोकसभा में सरकार पर शायराना हमला करते हुए कहा- हजूर-ए-आला आज तक खामोश बैठे हैं इसी गम में, महफिल लूट ले गया कोई जबकि सजाई हमने. उन्होंने कहा कि जब आदर्श आचार संहिता लागू हुआ, हमने देखा कि चुनाव आयोग कुछ लोगों पर मेहरबान रहा. वह संस्था निष्पक्ष होगी तो भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा. उन्होंने कहा कि ईवीएम पर मुझे आज भी भरोसा नहीं है. 80 की 80 सीटें जीत जाऊं तब भी नहीं होगा. हमने चुनाव में भी कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाएंगे.
अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों के भुगतान से लेकर पेपर लीक तक, सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है. उन्होंने कहा कि एक जीत और हुई है. अयोध्या की जीत का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं- होइहीं सोई जो राम रची राखा. ये है उसका फैसला जिसकी लाठी में नहीं होती आवाज, जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार. उन्होंने ‘हम अयोध्या से लाए हैं उनके प्रेम का पैगाम…’ कविता भी सुनाई.
अखिलेश यादव ने कहा कि बनारस के लोग क्योटो की फोटो लेकर उसे गंगाजी तक खोज रहे हैं. शायद गंगाजी जिस दिन साफ हो जाएंगी, उस दिन गंगाजी की गोद से क्योटो निकल आए. उन्होंने स्मार्ट सिटी को लेकर सरकार पर तंज करते हुए कहा कि बारिश की शुरुआत में ही नाव सड़कों पर आई है.
अखिलेश यादव ने कहा कि 15 अगस्त का दिन देश की आजादी का दिन है तो 4 जून सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन है. इस चुनाव ने तोड़ने वाली राजनीति को तोड़ दिया और जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है. हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और संविधान रक्षकों की जीत हुई. ये देश किसी की व्यक्तिगत आकांक्षा से नहीं, जन-आकांक्षा से चलेगा. मतलब अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी कहते हैं कि पांचवी बड़ी इकोनॉमी बनाएंगे लेकिन पर कैपिटा इनकम कहां है. उन्होंने यूपी की चर्चा करते हुए कहा कि जहां से प्रधानमंत्री जी आते हैं, वहां की सरकार कह रही है कि 3 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाएंगे. इसके लिए 35 परसेंट ग्रोथ रेट चाहिए जो मुझे नहीं लगता कि यूपी हासिल कर पाएगा.