उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई है, इसके अलावा 18 लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. ये हादसा भोले बाबा की सत्संग के दौरान हुआ, जिसे लेकर प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है.

इस हादसे पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला प्रशासन को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी के निर्देश के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं.

हाथरस में सत्संग में मची भगदड़ के बारे में यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कहना है, ‘सीएम के निर्देश पर हम यहां पहुंचे हैं और वह यहां के हालात पर हर मिनट नजर रख रहे हैं. हमारी प्राथमिकता घायलों को अच्छा इलाज मुहैया कराना और मृतकों को सौंपना है. घटना में 116 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 7 बच्चे और 1 पुरुष शामिल हैं. अब तक 72 लोगों की पहचान की जा चुकी है… मृतकों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.’ 

उन्होंने ने कहा, ‘राज्य सरकार की ओर से भी इतनी ही राशि देने की घोषणा की गई है… आयोजक ने कार्यक्रम के लिए अनुमति मांगने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें उन्होंने लगभग 80000 लोगों की उपस्थिति का उल्लेख किया था. लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक कार्यक्रम में अनुमति से ज्यादा लोग मौजूद थे… आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी… आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी… सीएम ने मामले में रिपोर्ट दर्ज करने के लिए हमें 24 घंटे का समय दिया गया है.’

हादसे के वक्त मौके पर मौजूद थे SDM और CO

इस हादसे की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस घटना की जांच एडीजी आगरा जोन और कमिश्नर अलीगढ़ द्वारा संयुक्त रूप से 24 घंटे के अंदर पूरी करने का निर्देश दिए हैं. वहीं, शुरुआती जांच में पता चला है कि हादसे के वक्त मौके पर एसडीएम और सीओ मौजूद थे.

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हाथरस भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है, ”घटना बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली है…स्थानीय आयोजकों ने ‘भोले बाबा’ का कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के बाद जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे मंच पर अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने उन्हें रोका तो वहां यह हादसा हो गया. इस पूरे मामले की जांच के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम गठित कर दी है. उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी वहां कैंप कर रहे हैं. राज्य सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं.”

सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने बताया कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था. कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई. ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है. कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था. मैं भंडारे का काम देख रहा था.

हाथरस के सिकंदराराऊ के पास सत्संग में हुई भगदड़ की घटना के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए पीएसी की तीन कंपनी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना की गई हैं.

पुलिस ने बताया कि हाथरस के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों में से 14 लोगों की शिनाख्त हो गई है. ये मृतक कासगंज, एटा, शाहजहांपुर, हाथरस, बुलंदशहर और मथुरा के हैं.

हाथरस के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस प्रशासन ने आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9259189726 तथा 9084382490 जारी किए हैं.

उन्होंने बताया कि हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है. हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी. 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है. प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी. जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी. कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे. हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे. एंबुलेंस नहीं थी. कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची. बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे थे.

एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि  हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई. एटा अस्पताल में कई लोगों के शव पहुंच चुके हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और व्यक्ति के शव शामिल हैं. अभी तक कोई भी घायल अस्पताल नहीं पहुंचा हैं. इन सभी शवों की पहचान की जा रही है. इस घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है.

एटा के मेडिकल कॉलेज के जिला चिकित्सा अधिकारी (CMO) ने बताया कि सिकंदराराऊ के पास एक सत्संग या महोत्सव चल रहा था. इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई. इस हादसे में कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मरने वालों में महिलाओं और पुरुष शामिल हैं. सीएमओ का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि लगातार घायल लोग अस्पताल ला जा रहे हैं.

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिया है. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.