दिल्ली की Rau IAS कोचिंग के बेसमेंट में 3 स्टूडेंट्स की मौत के मामले में आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सवाल किया कि क्या अब  तक किसी एमसीडी अधिकारी को हिरासत में लिया गया है? अदालत ने यह सवाल भी पूछा कि क्या इस मामले में MCD के अधिकारियों की जांच हुई है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यहां (ओल्ड राजेंद्र नगर में) जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है. अनधिकृत निर्माण पुलिस की मिलीभगत से होते हैं. इसके बिना अनाधिकृत निर्माण नहीं हो सकते. सभी प्राधिकारी केवल जिम्मेदारी एक-दूसरे की तरफ डालने में रुचि रखते हैं. उस क्षेत्र में इतना पानी कैसे जमा हो गया? यह रॉकेट साइंस नहीं है. जब अधिकारियों ने भवन को अधिकृत किया तो क्या उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी? नालियां क्रियाशील क्यों नहीं हैं?

कोर्ट ने किए ये सवाल

1. हाई कोर्ट ने कहा है हमने कार्रवाई के बाद अब तक एमसीडी में किसी को भी अपनी नौकरी जाते नहीं देखा है. हम इमारतें ध्वस्त होते देख रहे हैं, लेकिन एमसीडी में इसकी वजह से किसकी नौकरी गई है?

2. अदालत ने आगे कहा,’ MCD आपने सबसे जूनियर अधिकारी को निलंबित कर दिया है. उस वरिष्ठतम अधिकारी के बारे में क्या जिसने पर्यवेक्षण का अपना काम नहीं किया है?’

3. एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी आज अपने AC कार्यालयों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. अगर ये नालियां ढकी हुई थीं तो फिर ढक्कन क्यों नहीं हटाए गए?

4. कोर्ट ने आगे कहा,’आपको इस मुफ्तखोरी संस्कृति पर फैसला करना होगा. इस शहर में 3.3 करोड़ लोगों की आबादी है, जबकि इसकी योजना 6-7 लाख लोगों के लिए बनाई गई थी. आप बिना इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किए इतने लोगों को कैसे समायोजित करने की योजना बना रहे हैं?’

5. अदालत ने कहा,’आज अगर आप किसी एमसीडी अधिकारी से नालियों की योजना बनाने के लिए कहें, तो वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. उन्हें यह नहीं पता कि नालियां कहां हैं. सब कुछ मिला-जुला है. बिलकुल अव्यवस्थित.’