पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से सेकुलर सिविल कोड की जरूरत बताई. पीएम मोदी ने कहा कि वो कानून जो देश को धर्म के नाम पर बांटते हैं उन्हें दूर किया जाना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है और गलत कानूनों का आधुनिक समाज में कोई जगह नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा नागरिक संहिता एक कम्युनल नागरिक संहिता है. अब हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है.

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, ‘नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करना भारत के 140 करोड़ लोगों का कर्तव्य है और मैं इस पर बहस चाहता हूं. जो कानून सांप्रदायिक और भेदभावपूर्ण हैं उनका कोई स्थान नहीं है, हमें एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की आवश्यकता है.’

क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड? 

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना. अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा. संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. इस दौरान पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से प्राकृतिक आपदा से लेकर रिफॉर्म्स और गवर्नेंस मॉडल तक, कई विषयों पर बोले. उन्होंने आजादी से पहले जनसंख्या की चर्चा की, आजादी का जिक्र किया और 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया.