
मेघालय की राजनीति में आज एक युग का अंत हो गया. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डीडी लपांग ने 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनका निधन शुक्रवार रात शिलांग के बेथनी अस्पताल में हुआ, जिसके बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. सोमवार को उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ नम आंखों से अंतिम विदाई दी जाएगी.
पूर्व सीएम लपांग का जीवन एक साधारण व्यक्ति से असाधारण बनने की कहानी है, जिसने अपनी मेहनत और लगन से राज्य की राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी है. पूरा देश मेघालय राज्य के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भूल पाएगा.
लंपाग ने 1992 से 2008 तक लगातार चार बार मुख्यमंत्री के रूप में मेघालय की सत्ता संभाली. पहला चुनाव उन्होंने 1972 में नोंगपोह से लड़ा और जीत हासिल की. दरअसल, इसी साल मेघालय को असम से अलग करके एक अलग राज्य बनाया गया था. इसके अलावा, राज्य में उन्होंने कई मंत्री पदों पर रहकर देश की सेवा की. कहा जाता है कि वह मेघालय के सबसे स्थायी राजनीतिक सदस्यों में से एक थे. राज्य में उनके योगदान का इस तरह से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2024 में री-भोई जिले में उनकी एक प्रतिमा का अनावरण किया गया.