
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में अलंद एक निर्वाचन क्षेत्र है. किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए. ये संख्या 6018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन 6018 वोटों को हटाते हुए पकड़ा गया, और यह संयोग से हुआ. वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है, तो उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया, और उसने पाया कि वोट हटाने वाला एक पड़ोसी था. उसने अपने पड़ोसी से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया. न तो वोट हटाने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट हटाया गया था, उसे इस बारे में पता था. किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया.”
राहुल ने कहा, ‘चुनाव आयोग जानता है इसके पीछे कौन है. आज चुनाव आयोग लोकतंत्र की हत्या कर रहा है. ये हाइड्रोजन बम नहीं है, वो अभी आने वाला है. आयोग लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहा है. सीआईडी ने जब विवादित नंबरों की जानकारी मांगी तो कर्नाटक चुनाव आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इस तरह की गड़बड़ी कर्नाटक के साथ-साथ महाराष्ट्र में कई गई है. मुख्य चुनाव आयुक्त वोट चोरों को बचा रहे हैं.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘आलंद में 6018 आवेदन मतदाताओं के नाम से दाखिल किए गए. जिन लोगों के नाम पर ये आवेदन दाखिल हुए, उन्होंने वास्तव में कभी आवेदन नहीं किया. ये आवेदन अपने आप सॉफ्टवेयर के जरिए किए गए. आलंद में वोटर हटाने के लिए कर्नाटक से बाहर के, अलग-अलग राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया, और ये काम कांग्रेस मतदाताओं को निशाना बनाकर किया गया.’