बिहार की राजधानी पटना में जनता दल (यूनाइटेड) कार्यालय के बाहर बिहार के पूर्व मंत्री रंजीत सिन्हा द्वारा समर्पित एक पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘टाइगर ज़िंदा है’ की उपाधि दी गई है, जिसमें उन्हें समाज के हाशिये पर रहने वालों सहित सभी समुदायों का “रक्षक” बताया गया है. पोस्टर में पार्टी कार्यकर्ताओं की नीतीश कुमार को चौथी बार बिहार का मुख्यमंत्री बनते देखने की इच्छा को दर्शाया गया है.
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में विपक्षी महागठबंधन ने निश्चित रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा में देरी को लेकर कड़ी और लगातार आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पिछले बयानों का हवाला देते हुए, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और विपक्ष के सीएम चेहरे तेजस्वी यादव ने बार-बार दावा किया है कि अगर एनडीए सत्ता में आती है तो नीतीश कुमार सीएम नहीं होंगे.
15 अक्टूबर को तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि जेडी(यू) पर नीतीश कुमार का नहीं, बल्कि बीजेपी द्वारा लाए गए नेताओं का कंट्रोल है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई एनडीए नेताओं ने नीतीश कुमार को अपना नेता घोषित करके भ्रम दूर करने की कोशिश की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ एनडीए का नेता बताया था. अमित शाह ने यह भी आश्वासन दिया कि बिहार में सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है, जिसका अर्थ है कि कुमार सत्ता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
हाल ही में, केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को जोर देते हुए कहा कि जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार एनडीए के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होने को लेकर कोई भ्रम नहीं है. प्रधान ने एक इंटरव्यू में बताया, “प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि हमारे पास कोई वैकेंसी नहीं है. हमें उस शख्स (जो मौजूदा सीएम हैं) का नाम क्यों लेना चाहिए? नाम नीतीश कुमार है. भ्रम कहां है? हमें कोई भ्रम नहीं है. हमारा (सीएम) चेहरा नीतीश कुमार हैं.”
