मुरादाबाद। थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित जिला अस्पताल में शनिवार को अचानक ऐसा बवाल मचा कि वार्ड में अफरा-तफरी फैल गई। डॉक्टरों और तीमारदारों के बीच शुरू हुई बहस पलभर में हिंसक झड़प में बदल गई। दोनों पक्षों के बीच हाथापाई होने लगी और अस्पताल का वार्ड कुछ देर के लिए जंग के मैदान में बदल गया।
शोर-शराबा सुनकर बड़ी संख्या में मरीजों के परिजन और स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए। सिक्योरिटी गार्डों ने किसी तरह हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को अलग किया और स्थिति को काबू में किया।

चार दिन से भर्ती मरीज के इलाज पर गंभीर आरोप
घटना के बाद तीमारदार राहुल चौधरी और उनके परिवार ने डॉक्टरों पर कई चौंकाने वाले आरोप लगाए। उनका कहना है कि उनके ससुर जयवीर चार दिन पहले भगतपुर क्षेत्र में हुए झगड़े में बुरी तरह घायल हुए थे। सिर व शरीर पर गंभीर चोटें होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों का आरोप है कि चार दिनों से मरीज का सही इलाज नहीं किया गया। डॉक्टर बिना “सिफारिश” या दबाव के सुनवाई नहीं कर रहे थे।

CT स्कैन के पेपर फाड़ने का आरोप
परिजनों ने दावा किया कि जब उन्होंने मरीज का CT स्कैन कराने की मांग की तो ड्यूटी पर मौजूद डॉ. राहुल ने कथित रूप से जांच सम्बन्धी पेपर फाड़ दिया।परिवार का आरोप है कि
डॉक्टर जानबूझकर मरीज का मेडिकल नहीं होने दे रहे थे।
शिकायत करने की बात कहने पर अस्पताल प्रशासन ने उन्हें धमकाया। पर जिन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन्हें “कागज़ फाड़ देने” और वार्ड से बाहर निकाल देने की चेतावनी दी गई।

पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल
तीमारदारों का कहना है कि वे पिछले चार दिनों से थाना सिविल लाइन और अस्पताल प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। परिवार का आरोप है कि डॉक्टर, प्रशासन और कुछ पुलिसकर्मी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही घायल मरीज को इलाज देने की जगह हमें धमकाया जा रहा है।
परिजनों ने मांग की कि डॉ. राहुल पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए और उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही है।


अस्पताल में दहशत, मरीज सहमे
इस भिड़ंत के दौरान अस्पताल में भारी हड़कंप मच गया। अन्य वार्डों में भर्ती मरीज और उनके परिजन दहशत में आ गए। कई लोगों ने कहा कि यदि अस्पताल में इस तरह मारपीट होती रही तो इलाज कराना भी मुश्किल हो जाएगा।
