
उत्तराखंड में तबाही का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. चमोली जिले में एक बार फिर बादल फटा है. ये घटना तहसील देवाल के मोपाटा में हुई है, जिसमें दो लोगों के लापता होने की खबर है. प्रशासन ने राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया है. वहीं केदारघाटी के लवारा गांव में पुल बहने से छेनागाड़ क्षेत्र में स्थिति गंभीर हो गई है. इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी भी उफान पर हैं, इनका पानी घरों में घुस कर तबाही मचा रहा है.
बताया जा रहा है कि आवास के पास मौजूद गौशाला मलबे में दब गई है, जिसमें लगभग 15 से 20 जानवर दबने की सूचना है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक्स पर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, जनपद रुद्रप्रयाग के बसुकेदार क्षेत्र के बड़ेथ डुंगर तोक और चमोली जिले के देवाल क्षेत्र में बादल फटने से मलबा आया है. इसकी वजह से कुछ परिवार फंस गए हैं. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य तेजी से कर रहा है. मैं लगातार अधिकारियों से संपर्क में हूं और आपदा सचिव व जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बचाव कार्य सही तरीके से और तेजी से किए जाएं.”
रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी के संगम पर जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. अलकनंदा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. नदी का पानी आवासीय घरों तक पहुंच गया, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित घरों को खाली कराया है. हालात इतने गंभीर हैं कि रुद्रप्रयाग का हनुमान मंदिर भी नदी में डूब गया है. वहीं, केदारघाटी के लवारा गांव में मोटरमार्ग पर बना पुल तेज बहाव में बह गया है. छेनागाड़ क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है.