
आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह का कहना है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर में हाउस अरेस्ट कर लिया गया है. वह थोड़ी देर में मेहराज मलिक की गिरफ्तारी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे.
संजय सिंह का दावा है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने गेट के बाहर ताला लगा दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि तानाशाही चरम पर है, मैं इस वक्त श्रीनगर में हूं. लोकतंत्र में हक के लिए आवाज उठाना आंदोलन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है. आज मुझे मेहराज मलिक की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस और धरना करना था लेकिन सरकारी गेस्ट हाउस को पुलिस छावनी बना दिया गया. मुझे इमरान हुसैन और साथियों को गेस्ट हाउस से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है.
उन्होंने कहा कि हम लोग यहां श्रीनगर में हैं. लोकतंत्र के अंदर हक के लिए आवाज उठाना ये हमारा संवैधानिक अधिकार है, लोकतांत्रिक अधिकार है और आज मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन था. हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी लेकिन तानाशाही का आलम ये है कि गेट पर पुलिस लगी हुई है, गेट को पूरा छावनी बनाकर रखा गया है. किसी को बाहर जाने की इजाजत नहीं है और आलम ये है कि कोई बताने को तैयार नहीं है कि हमें क्यों रोका गया है. ये किस प्रकार की तानाशाही चल रही है कि प्रशासन ये बताने तक के लिए तैयार नहीं है कि हमें किस वजह से रोका गया? क्या आंदोलन करना जुर्म है? क्या लोकतंत्र में प्रेस कॉन्फ्रेस करना जुर्म है? अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाना जुर्म है? तानाशाही का आलम ये है कि प्रशासन राज्यसभा सांसद तक को ये बताने को तैयार नहीं है कि हमें क्यों रोका गया है?