भारतीय रिजर्व बैंक ने आज रेपो रेट को लेकर बड़ा फैसला लिया और MPC मीटिंग में 10वीं बार रेपो रेट को अनचेंज रखा है. वहीं यूपीआई को लेकर RBI ने एक और फैसला लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई लिमिट को बढ़ा दिया है. UPI123Pay के लिए प्रति ट्रांजेक्‍शन की सीमा को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹10,000 और UPI लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की घोषणा की गई है. 

इस कदम का उद्देश्य फीचर फोन यूजर्स के लिए डिजिटल पेमेंट की उपयोगिता को बढ़ाना और छोटे लेनदेन के लिए UPI लाइट वॉलेट का उपयोग करने वालों के लिए सुविधा बढ़ाना है. मार्च 2022 में RBI और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया UPI 123Pay भारत के 400 मिलियन फीचर फोन यूजर्स के लिए डिजिटल लेनदेन को सक्षम करने के लिए डिजाइन किया गया है. 

यह यूजर्स को स्मार्टफोन या इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता के बिना UPI भुगतान करने की अनुमति देता है, जिससे डिजिटल भुगतान ज्‍यादातर के लिए आसान हो जाता है. यूपीआई 123पे ट्रांजेक्‍शन के लिए चार तरीके पेश करता है. 

  1. IVR के तहत यूजर्स पहले से तय नंबर पर कॉल करते हैं और ट्रांजेक्‍शन पूरा करने के लिए ध्‍वनि संकेतों का पालन करते हैं. 
  2. मिस्ड कॉल सिस्‍टम: यूजर्स किसी व्यापारी-विशिष्ट नंबर पर मिस्ड कॉल देते हैं और UPI पिन के साथ लेनदेन को वेरिफाई करने के लिए कॉलबैक रिसीव करते हैं. 
    3. ऐप बेस्‍ड वर्कफोर्स: फीचर फोन के लिए एक सरल UPI ऐप जो बुनियादी भुगतान कार्य प्रदान करता है. 
    4. समीपस्थ वाइस बेस्‍ड भुगतान: यूजर्स संपर्क रहित भुगतान के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करते हुए, अपने फोन को व्यापारी डिवाइस पर टैप करते हैं. 

UPI 123Pay को सेट अप करने के लिए यूजर्स अपने फीचर फोन पर *99# डायल करके, अपना बैंक चुनकर, अपना डेबिट कार्ड विवरण दर्ज करके और UPI पिन सेट करके UPI ID बनाते हैं. यह सिस्टम इंटरनेट एक्सेस के बिना सुरक्षित लेनदेन की अनुमति देता है, जो स्मार्टफोन के बिना वित्तीय लेनदेन की अनुमति देता है. 

गौरतलब है कि अपनी लेटेस्‍ट मौद्रिक नीति समीक्षा में, RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अनचेंज रेट RBI को बदलती आर्थिक स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान करती है.  जबकि रुख “तटस्थ” हो गया, जो महंगाई को कंट्रोल करने और विकास को सपोर्ट देने के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण का संकेत देता है. दास ने महंगाई को 4% के लक्ष्य के भीतर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है.